एक नजर कीजिए
मध्यप्रदेश नगरपालिका सेवा (कार्यपालन) नियम 1973 के नियम 32 के अधीन
अनुशासनिक प्राधिकारी = आरोप पत्र
मध्यप्रदेश नगरपालिका सेवा (कार्यपालन) नियम 1973 के नियम 32 के अनुशासनिक प्राधिकारी द्वारा श्री अजीज खान, तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद विजयपुर, जिला श्योपुर के विरूद्ध निम्नलिखित आरोप अधिरोपित किये जाते हैं आरोप कमांक 01 :
यह कि आप दिनांक 19.03.2019 से 05:07.2019 एवं दिनांक 16.08.2019 से 26.08. 2019 तक नगर परिषद विजयपुर जिला श्योपुर में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदस्थ थे। उक्त पदस्थापना अवधि के दौरान आपके द्वारा दो जोन में पेयजल परिवहन किया गया। वार्ड क्रमांक 01 से 12 तक प्रथम जोन में तथा वार्ड क्रमांक 13 से 15 तक द्वितीय जोन दोनों जोन हेतु अनुमानित व्यय का आकलन 5-5 लाख रूपये वार्षिक किया गया। जिसके विरूद्ध जोन कमाक 01 में राशि रूपये 34,90,464 /- का भुगतान किया गया तथा जोन कमांक 02 में 41,66,894/- का भुगतान किया गया है। इस प्रकार जोन क्रमांक 01 में राशि रूपये 29.90 लाख तथा जोन क्रमांक 02 में राशि रूपये 36.67 लाख का अधिक भुगतान बिना परीक्षण किये किया गया, जिससे निकाय को कुल राशि रूपये 66.57 लाख की आर्थिक क्षति हुई है। आरोप क्रमांक 02 :
यह कि उक्त पदस्थापना अवधि के दौरान आपके द्वारा नगर परिषद विजयपुर में एक ही प्रकार की जल प्रदाय सामाग्री कुटेशन के आधार पर एक ही नस्ती में बार-बार निविदा विज्ञप्ति जारी कर 1-1 लाख की समाग्री क्रय की जाकर भुगतान किया गया है, जिससे निकाय को आर्थिक क्षति हुई है। आपके द्वारा विभिन्न स्थानीय फर्मों से जैम पोर्टल से सामाग्री कय नही की जाकर कुटेशन के आधार पर सामाग्री कय की कार्यवाही की गयी है आपके द्वारा म.प्र. नगर पालिका लेखा नियम 2018 के नियम 120 एवं 121 के अन्तर्गत निविदाये आमंत्रित नही की गयी।
उपरोक्तानुसार आपके द्वारा किया गया उक्त कृत्य अपने पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता एवं राज्य शासन के प्रति आपकी निष्ठा संदिग्ध होने का परिचायक है। साथ ही आपका उक्त कृत्य मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 92 एवं मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत होकर गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है, जिसके लिये आप उत्तरदायी है।
(निकुंज कुमार श्रीवास्तव) आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास
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