देशभर में 1 जुलाई, 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर सरकार ने बैन लगा दिया है रवि गोयल सामाजिक कार्यकर्ता
शिवपुरी। यह तो आप सभी लोग जानते हैं कि हर साल 3 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस मनाया जाता है। आज के दिन का खास उद्देश्य है प्लास्टिक प्रदूषण और प्राकृतिक पर्यावरण पर इसके हानिकारक प्रभाव को रोकना है. क्योंकि आप सभी लोग जानते हैं कि प्लास्टिक पर्यावरण को बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचाती है और 1 प्लास्टिक बैग को नष्ट होने में 100 से 500 साल का वक्त लगता हैं ये कहना था प्रोग्राम संयोजक शक्ति शाली महिला संगठन के रवि गोयल का जो की आज ग्राम चिटोरी खुर्द में किशोरी बालिकाओं द्वारा 5 जून से शुरू किए कपड़े के झोला जो की गांव की किशोरी बालिकाओं द्वारा पुराने कपड़ों का उपयोग करके बनाए जा रहे है जिनको की घर घर जाकर पॉलिथिन के स्थान पर झोला का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सोनम शर्मा एवम भारती यादव , गंगा आदिवासी जैसे सक्रीय किशोरी बालिकाओं के द्वारा शक्ति शाली महिला संगठन के सहयोग से किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस की शुरूआत वेस्ट यूरोप में साल 2009 में हुई थी और यह एक वैश्विक पहल है, जिसका केवल एक की मक्सद है प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल को रोकना. इतना ही नहीं यह दिवस प्लास्टिक और डिस्पोजल बेचने वाले लोगों में जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है. इसी के साथ प्लास्टिक की थैलियों के बजाय कागज या कपड़े की थैलियों का इस्तेमाल करके पर्यावरण को अनुकूल बना सकते हैं.आपको बता दें कि देशभर में 1 जुलाई, 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया गया है. केंद्र सरकार ने कुल मिलाकर 19 वस्तुओं पर बैन लगाया है. इन वस्तुओं में प्लास्टिक कैरी बैग, प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, प्लास्टिक के झंडे और गुब्बारों की स्टिक, कैंडी स्टिक या आइसक्रीम स्टिक, प्लास्टिक की प्लेट-कटोरी, प्लास्टिक के गिलास, प्लास्टिक के चम्मच-कांटे-बर्थडे नाइफ, प्लास्टिक स्ट्रॉ जैसी चीजों को शामिल किया गया हैं. प्रोग्राम में संस्था की सुपोषण सखी भूरि आदिवासी, इंग्लिश आदिवासी, न्यूट्रीशन चैंपियन सोनम, भारती, आरती , गंगा के साथ समुदाय ने पूर्ण सहयोग किया।

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