दादा, पुरखे न कर सके, वो बटवारा वोटर लिस्ट ने कर डाला
परिवार में हिस्सा बांटने की जिमेदारी दादा, पुरखों की होती हैं लेकिन नगर में वोटर लिस्ट की गड़बड़ी ने लोगों को अलग अलग हिस्सों में बांट दिया है। मसलन किसी वार्ड में माता-पिता मतदान करेंगे जबकि उनके बच्चों को दूसरे वार्ड में मतदान करना होगा। वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ी के नतीजे में शहर के कई इलाकों में मतदाता परेशान नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि बेटा अलग वार्ड में मतदान करेगा जबकि हम लोगों को अलग वोट डालना है।इसी तरह कहीं बेटी दूसरे वार्ड में मतदान करेगी जबकि माता-पिता अलग वार्ड में बदनाम करेंगे। गड़बड़ी का यह आलम नगर के लगभग सभी भागो में देखने को मिल रहा है।
ये तो महज एक नजीर है
शहर के फिजिकल इलाके में रहने वाले ठेकेदार अनिल सरीन के परिवार में 4 सदस्य हैं। माता पिता और एक बेटा उनका एक वोटर लिस्ट में हैं और एक ही वार्ड में मतदान करेंगे जबकि दूसरा बेटा किसी अन्य वार्ड में मतदान करने जाएगा। मतदाता पर्ची जब घर पर बीएलओ देकर गए तब यह खुलासा हुआ है।
- ठीक यही हालात डीजे कोठी के सामने रहने वाले राजेंद्र राठौर के सामने भी है। उनके परिवार के सदस्य अलग-अलग वार्ड में मतदान करने के लिए मजबूर हैं। उनके परिवार के कुछ सदस्यों को वार्ड दो में मतदान करना होगा जबकि कुछ सदस्यों को कमलागंज इलाके में मतदान करने जाना होगा।
- यही हालत विवेकानंद कॉलोनी में भी हुई है। यहां एक परिवार के चार सदस्यों में से 3 सदस्य वार्ड क्रमांक 3 के मतदाता हैं, जबकि उनकी बेटी को वार्ड नंबर 2 में मतदान करने जाना होगा।
एक वार्ड और तीन तीन बीएलओ की गलतियों का परिणाम भुगत रहे मतदाता
बता दें कि जिला प्रशासन ने एक ही वार्ड में तीन तीन बीएलओ नियुक्त किए हुए हैं। जो लोकसभा, विधान सभा और नपा की अलग अलग लिस्ट के जिमेदार हैं। यही बात भारी-भरकम गड़बड़ी की प्रमुख वजह हैं। इसी कारण एक ही वार्ड में लोकसभा, विधानसभा और नगर पालिका चुनाव के लिए मतदाताओं की अलग-अलग सूची अलग-अलग बीएलओ ने तैयार की हैं लेकिन तीनों बीएलओ का आपस में सामंजस्य नहीं है। उन्होंने अलग-अलग मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज कर रखे हैं जिसका परिणाम नगरीय निकाय चुनाव में भुगतना होगा।
प्रत्याशियों की हवा बिगड़ी
वोटर लिस्ट में नाम की गड़बड़ी को लेकर ना सिर्फ मतदाता परेशान नजर आ रहे हैं बल्कि जो प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं उनकी भी हवा बिगड़ी हुई है। उन्होंने किसी शादी विवाह समारोह की तरह दावत में आने वाले लोगों की गिनती वोट मिलने के लिए करके रखी थी लेकिन इस तरह मतदाताओं के अलग-अलग वार्ड में वोटर होकर वोट करने जाने से उनके जीत का गणित बिगड़ सकता है।
यही हाल वार्ड के परिसीमन में एक गली के लोग लेकिन वार्ड दो में लगती सीमा
नगर पालिका में मनमर्जी का आलम किसी से छुपा नहीं है। जहां एक और मतदाता सूची में भारी-भरकम गड़बड़ी है और वोटर सिर खुजाते दिखाई दे रहे हैं तो दूसरी तरफ नगर पालिका ने जो परिसीमन किया था उसमें भी भारी गड़बड़ी है। शहर के वार्डों में हालत यह है कि एक गली की एक लाइन के घर किसी दूसरे वार्ड में जबकि सामने वाले घर दूसरे वार्ड में हैं। इतना ही नहीं कई जगह तो यह हालत है कि ही पूरी बस्ती किसी एक वार्ड की है लेकिन बीच के दो घर दूसरे वार्ड में हैं। यह विशेष कारनामा किस तरह से हुआ है इस पर जिला प्रशासन को ध्यान देना होगा लेकिन अब जबकि 13 जुलाई मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है ऐसे में भारी गड़बड़ी के बीच ही मतदान होगा और लोगों को इसका परिणाम भुगतने के लिए भी मानसिक स्थिति बना लेनी चाहिए!
ग्रामों में डाल आए वोट, नगर की सूची में भी हैं नाम, रखनी होगी निगाह
पंचायत चुनाव के फेर में ग्रामीण इलाकों में वोट कर चुके लोगों के नाम शहर की लिस्ट में भी शामिल हैं। ऐसे में उंगली पर लगी श्याही को मिटाने के जतन करते लोग देखे जा रहे हैं। मतदान केंद्रों पर ऐसे वोटरों को निगाह में रखना होगा। वर्ना फर्जी मतदान से पार्षद जैसा छोटा चुनाव का परिणाम दिशा भी बदल सकता हैं।

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