शिवपुरी। 29 जुलाई को हर साल विश्व के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस बाघों के संरक्षण और उनकी विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने के उद्देश्य से मनाते हैं। इस मौके पर लोगों को बाघ के प्रजातियों के खत्म होते अस्तित्व के प्रति जागरूक करते हैं। दरअसल, वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 150 सालों में बाघों की संख्या में लगभग 95 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है। ये कहना था नेशनल पार्क के मुख्य वन संरक्षक सी एस निनामा जो की सेलिंग क्लब में इस दिवस पर शक्ति शाली महिला संगठन एवम माधव नेशनल पार्क शिवपुरी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित जागरूकता प्रोग्राम में बोल रहे थे । प्रोग्राम के बारे में अधिक जनाकारी देते हुए प्रोग्राम समन्यक रवि गोयल ने कहा की
बाघ दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। रूस के पीटर्सबर्ग में एक इंटरनेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस मनाने का फैसला लिया गया था एसडीओ माधव नेशनल पार्क अनिल सोनी ने कहा की बाघों की विलुप्त होती प्रजातियों पर चिंता जताते हुए बाघों की संख्या 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य बना लिया।वहीं अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2022 की थीम बाघों की आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए भारत ने प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया है।बाघों के संरक्षण को लेकर आज के दिन सेमिनार का आयोजन होता है। इस के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को बाघों के बारे में जानकारी दी जाती है और उनके संरक्षण के लिए जागरूक किया जाता है। जो की शक्ति शाली महिला संगठन हमारे जिले में बहुत अच्छा कर रही है ।भारत सरकार ने देश में बाघों की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पिछले तीन सालों में 329 बाघों की मौत शिकार, प्राकृतिक और अप्राकृतिक कारणों से हुई है। वहीं साल 2019 में 96 बाघों की मौत हो चुकी है। हालांकि अब शिकार के मामलों की संख्या में कमी आई है। प्रोग्राम में शक्ति शाली महिला संगठन की पूरी टीम एवम माधव नैशनल पार्क की पूरी टीम ने भाग लिया।
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