Responsive Ad Slot

Latest

latest

हैपेटाईटिस एक घातक बीमारी, जन जागरूकता की आवश्यकता

गुरुवार, 28 जुलाई 2022

/ by Vipin Shukla Mama
विश्व हैपेटाईटिस डे पर हुए स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्यक्रम
शिवपुरी 28 जुलाई। विश्व हैपेटाईटिस डे शिवपुरी जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं में विभिन्न कार्यक्रमो में आयोजन किया गया जिनमें स्वास्थ्य महकमें के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने हैपेटाइटिस बीमारी को लेकर जन जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पवन जैन एवं नोडल अधिकारी वायरल हेपेटाईटिस प्रोग्राम डॉ अलका त्रिवेदी ने प्रेस को जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि प्रत्येक बर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस  पर कार्यक्रमो का आयोजन स्वास्थ्य संस्थाओं में किया जाता है। इसी क्रम में इस बर्ष  ब्लॉक एवम जिला चिकित्सालय में आम जनता में इस बीमारी हेतु जागरूकता बढ़ाने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। दुनिया भर में लाखों लोग हर साल हेपेटाइटिस का शिकार बन रहे हैं। यह वायरस संक्रमण से जनित रोग है। जो लीवर ;यकृत को प्रभावित करता है। हैपेटाइटिस रोग बढ़ने पर सिरोसिस नामक बीमारी तथा लीवर कैंसर जैसी घातक बीमारियाँ भी हो सकती है।इतना ही नही हैपेटाईटिस रोग से व्यक्ति का लीबर काम करना भी बंद कर सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को हेपेटाइटिस से बचाने के लिए 5 उपाय करनेचाहिए। जिनमे हमेशा जीवाणुरहित इंजेक्शन का प्रयोग, अपने स्वयं के रेज़र और ब्लेड का प्रयोग करें, .सुरक्षित गोदने और भेदी उपकरण का प्रयोग करें प्रमुख हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पवन जैन ने बताया कि .हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए शिशुओं  और गर्भवती माताओं का टीकाकरण बेहद जरूरी है। हैपेटाईटिस तीन प्रकार का होता है जिसमें ए,बी,सी प्रमुख है। यह रक्त जांच से पता चल सकता है कि रोगी में कौन सा हैपेटाईटिस है। हैपेटाईटिस ए दूषित जल और खाद्य पदार्थ के कारण होता है। इससे प्रति वर्ष 1.4 मिलियल लोग ग्रसित होते हैं। इसी प्रकार हैपेटाईटिस बी एवं सी पूर्व से इस रोग से ग्रसित रोगी के संपर्क में आने तथा रोगी के संसाधनों जैसे रेजर आदि का उपयोग करने से होता है यह साइलेंट क्लिर भी कहा जाता है। हैपेटाइटिस सी का प्रारंभिक अवस्था में पता भी नही लग पाता है और जब पता लगता है तब लीबर कैंसर की जैंसी गंभीर अवस्था की संभावना बन जाती है। 
लक्षणों से पहचाने हैपेटाइटिस रोग 
हैपेटाइटिस रोग के दो प्रकार ए,बी से ग्रसित होने पर रोगी मे भूख कम लगना, जी मिचलाना,
उल्टी का मन होना, अत्यधिक थकान, अस्वस्थता महसूस होना, पेट दर्द और सूजन प्रमुख मिलते हैं। लेकिन हैपेटाईटिस सी में प्रारंभिक अवस्था मे ंकोई लक्षण दिखाई नही देते हैं।  हैपेटाईटिस रोग की गंभीर स्थिति में पैरों में सूजन होना और पेट में तरल पदार्थ का संचित होना प्रमुख समस्या है।
.रोग की अत्यंत गंभीर स्थिति में कुछ रोगियों के मुंह या नाक से खून की उल्टी हो सकती है। इसके अलावा खुजलाहट, वज़न का घटना, मूत्र का रंग गहरा हो जाना। मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना, हर समय थकावट महसूस करना, बुखार 38 डिग्री सेल्सियस ;100.4 फेरनहाइट या इससे अधिक होना, कभी.कभी आँखों और त्वचा का पीलापन अर्थात् पीलिया, डिप्रेशन ;अवसाद, सिरदर्द प्रमुख है। 
 क्या हैं हेपेटाइटिस से बचाव निदान, के उपाय
हेपेटाइटिस से संक्रमित रोगी को चिकित्सक से नियमित जांच करवानी चाहिए।
यह संक्रमण मॉनसून के दौरान अधिक फैलता है, इसलिए इस मौसम में तेलीय,  मसालेदार व  विषाक्त पदार्थों और भारी खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। फास्ट फूड, केक, पेस्ट्री, चॉकलेट्स, आदि से परहेज करना चाहिए।
मांसाहारी भोजन व एल्कोहल का पूर्ण रूप से त्याग करें।
पानी को उबालकर पिएं।
विटमिन सी युक्त खट्टे फल, पपीता, नारियल पानी, सूखे खजूर, किशमिश, बादाम और इलायची का अच्छे से सेवन करें।
संक्रमित व्यक्ति के सेविंग रेजर, टूथब्रश और सूई, नाखून कतरनी जैसी निजी वस्तुओं का उपयोग ना करें इससे भी संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।
गर्भवती महिला को संक्रमण होने पर इलाज ज़रूर करवाए।
हेपेटाइटिस के विषय में युवाओं को जानकारी दे।
शौचालय प्रयोग के बाद हाथों को स्वच्छ पानी व साबुन से अच्छी तरह धोएं।
हेपेटाइटिस के बारे में सतर्क रहने से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।
अपनी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए हेपेटाइटिस का टीका लेना न भूलें।
हेपेटाइटिस से एक जीवन को बचाने की दिशा में हर कदम मायने रखता है।
हेपेटाइटिस को नजरअंदाज करने से स्थिति और खराब हो जाएगी।

कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129