भोपाल। होशंगाबाद जिले के सिवनी-मालवा में रहने वाले इंजीनियरिंग के छात्र निशांक राठौर की लाश 24 जुलाई की शाम भोपाल से 45 किलोमीटर दूर रायसेन जिले के बरखेड़ा-मिडघाट इलाके में रेलवे लाइन पर दो टुकड़ों में कटी मिली थी। इसके पहले निशांक ने आखिरी संदेश 24 जुलाई की शाम 5.44 बजे अपने मोबाइल से 'सिर तन से जुदा' मैसेज उसने अपने पिता को भेजा तो संदेह हुआ की उसकी मौत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित नेता नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी के कारण हुए विवाद से जुड़ी है। तब निशांक राठौर की रहस्यमयी मौत की जांच के लिए पुलिस की एसआईटी गठित की गई। अब उसकी जांच के बाद एसआईटी ने शुक्रवार को कहा कि 21 वर्षीय छात्र ने कर्ज के कारण ट्रेन से कटकर आत्महत्या की। विशेष जांच दल (एसआईटी) के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि यह हत्या नहीं थी। निशांक की मौत की जांच के लिए गठित एसआईटी के अनुसार, निशांक ने अपने पिता को मोबाइल फोन पर हिंदी में अंतिम संदेश 'गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा' भेजा था। इस संदेश से राज्य सरकार और पुलिस में हड़कंप मच गया। ऐसा ही एक संदेश उसने अपने इंस्टाग्राम पर भी पोस्ट किया था। लेकिन, एसआईटी के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि निशांक ने कुछ लोगों और कम से कम 18 मोबाइल ऐप के माध्यम से कर्ज लिया था और इसे लेकर वह परेशान था। अधिकारी ने कहा, ''यह हत्या नहीं आत्महत्या थी। आत्महत्या से एक दिन पहले 23 जून को उसने अपनी बहन से कॉलेज की फीस भरने के लिए 50 हजार रुपए उधार लिए थे लेकिन उसने फीस का भुगतान नहीं किया।'' अधिकारी ने कहा कि हो सकता है कि उसने खुद को हत्या का शिकार के रुप में प्रस्तुत करने या अपने परिवार के लिए सरकार की सहायता लेने के लिए तथा हिंदू राष्ट्रवादियों का समर्थन हासिल करने के वास्ते ''पैगंबर के अपमान'' का उल्लेख करते हुए संदेश लिखा हो। उन्होंने कहा कि उदयपुर में नुपुर शर्मा का समर्थन करने वाले एक दर्जी की हत्या के बाद 'नबी की शान में गुस्ताखी माफ नहीं' वाला पोस्ट सोशल मीडिया में वायरल हुआ था।
अधिकारी ने कहा, ''कोई नहीं जानता कि उसके (निशांक) दिमाग में क्या चल रहा था। हम सभी केवल अनुमान लगा रहे हैं।'' जांच अधिकारियों ने पाया कि शव के पास मिले निशांक का फोन किसी ने नहीं उठाया तथा फोन पासवर्ड से सुरक्षित था।
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