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धमाका खास खबर: भूल जाइए शिमला, हिमाचल, कुल्लू, मनाली बारिश या सर्दियों में जरूर आइए मिनी शिमला शिवपुरी, आखिर क्यों, तो पढ़िए क्लिक करके पूरी खबर, हर सवाल का जवाब मिलेगा आपको, #शिवपुरी_मध्यप्रदेश_टूरिज्म_हमारा_प्रण_शिवपुरी_नंबर_1

रविवार, 21 अगस्त 2022

/ by Vipin Shukla Mama

प्र.1 इन दिनों क्यों हमें शिवपुरी घूमने आना चाहिये ? शिपुरी में कौन कौन सी जगह हैं, जिन्हें हम इन दिनों देख सकते है? प्र.2 पुराना शिवपुरी (मिनी शिमला) VS आज का शिवपुरी? अगर आपके दिलो दिमाग में ये सवाल हैं, और आपको लगता है की हम आपको हिमाचल, शिमला, कुल्लू, मसूरी की बजाय शिवपुरी आमंत्रित क्यों कर रहे हैं तो  हमारी पर्यटन नगरी शिवपुरी को बेहद करीब से जान लीजिए, आपके हर सवाल का उत्तर हमारे पास है। जैसा कि आप सब लोग जानते हैं की शिवपुरी को मध्य प्रदेश की पहली पर्यटक नगरी बनाया गया था। ये शिवपुरी वासियों के लिए बहुत गर्व की बात है। तो आज हम इस शहर के इतिहास को ओर नजदीक से जानने की कोशिश करते हैं। शिवपुरी की भोगौलिक स्थिति यहाँ की सुंदरता में चार चांद लगाने का काम करती है शिवपुरी जिला पहाड़ो, झील झरनों, जंगलो, ओर तालाबो से घिरा होने के कारण यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। इसलिए ये नगरी वर्षाकाल और सर्दियों में घूमने के लिए बहुत से लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। शिवपुरी का पुराना नाम 'सीपरी' था आज़ादी के बाद इस शहर को भगवान शिव के नाम पर 'शिवपुरी' नाम प्राप्त हुआ। शिवपुरी मतलब शिव+पुरी= शिव की नगरी या जहाँ शिव जी का निवास हो। यहाँ पर भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती थी, इसलिए इसको शिवपुरी नाम प्राप्त हुआ। वैसे तो शिवपुरी को ओर भी बहुत नामों से जाना जाता जा रहा है।जैसे की फ्लावर हिल, पर्यटक नगरी ओर मिनी शिमला जो कि प्रमुख है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कुछ दशक पहले शिवपुरी को 'मिनी शिमला' के नाम से भी जाना जाता था। क्योंकि यहाँ का मौसम ठीक शिमला जैसा ठंडा हुआ करता था यहाँ भी कड़ाके की ठण्ड पड़ा करती थी इसलिए यहाँ पर भी बहुत सारे लोग उन दिनों छुट्टियां मनाने आया करते थे। शिवपुरी में बहुत सारे दर्शनीय स्थल हैं- जैसे भूरा खो, पवा जल प्रपात, सुल्तानगढ़ जल प्रपात, नरवर का किला, सुरवाया की गढ़ी, तात्या तोपे स्मारक, माधव विलास पैलेस, सिंधिया राजघराने की संगमरमरी छतरिया, माधव नेशनल पार्क, सूर्य मंदिर, जार्ज कैसल, चुडैल छाज, बाणगंगा, भदैया कुंड, संख्या सागर लेक, मड़ीखेड़ा (मोहिनी सागर) डैम आदि। शिवपुरी में छतरिया संगमरमर के पत्थरो से बनी हुई है और इनको शिवपुरी का ताजमहल भी कहा जाता है, सुरवाया की गढ़ी पुराने समय में एक शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र थी, जॉर्ज कैसल माधव नेशनल पार्क के सबसे ऊंचे स्थान पर है जहाँ से शिवपुरी की सुंदरता को आसानी से देखा जा सकता है, कहा जाता है कि यह राजा जार्ज पंचम के लिए बनाई गई थी। जिसे अब एक म्यूजियम में बदल दिया गया है। यही कारण है की शिवपुरी माधव नेशनल पार्क की नैसर्गिक प्राकृतिक सुंदरता ही इस शहर को बहुत खूबसूरत और अनोखा बनाती है। शिवपुरी कुछ मामले में अपनी एक विशेष पहचान भी रखती है। शिवपुरी के जंगलों से प्राप्त पान के कत्थे की मांग दूर दूर तक रही हैं, यहां कत्था मिल आज भी संचालित है। जबकि शिवपुरी का पत्थर दूसरे देशों को निर्यात किया जाता है। नगर के चोकसे ब्रदर्स, विवेक शर्मा स्टोन आदि आज भी इस कारोबार से जुड़े हुए हैं। उसकी अपनी एक अलग पहचान है। शिवपुरी के आसपास से निकलने वाली नदियो में बेतवा, सिंध, कूनो, पार्वती आदि शामिल हैं। जब शिवपुरी बसाई गई उन दिनों गर्मी भी नाम मात्र की रहती थी इसीलिए तत्कालीन सिंधिया राजवंश ने इस शहर को अपनी ग्रीष्म कालीन राजधानी बनाया था। हालाकि जलवायु में कुछ परिवर्तन हुआ है और गर्मी अधिक पड़ने लगी है लेकिन सर्दियां आज भी गुलाबी रहती हैं। सर्दियों में म.प्र. के शिवपुरी जिले का टेम्परेचर सबसे कम आंगा जाता रहा है, इसलिए हम आप सब से आग्रह करते हैं कि समय निकालकर एक बार वर्षाकाल या सर्दियो में शिवपुरी घूमने अवश्य आये, क्योंकि बारिश में आपका स्वागत यहाँ पर झील झरने करेंगे, जबकि सर्दियों में हरियाली की चादर बिछी नजर आयेगी साथ ही प्रकृति का एक नया रूप देखने को मिलेगा। आपको एमपी टूरिज्म का होटल जिसे केलाशवासी माधवराव सिंधिया ने तैयार करवाया था, रुकने की व्यवस्था मिलेगी, कई और होटल भी नगर में हैं। जबकि श्योपुर पालपुर के रास्ते में भी कूनो पर दो होटल, हातोद में भी एक होटल मोजूद हैं जो आपके स्वागत के लिए आतुर हैं। नगर में एमपी टूरिज्म की तरफ से चांद पाठा झील में नौकायन भी करवाया जाता हैं। इतिहास की बात करें तो आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सेनानियों में से एक वीर तात्या टोपे की नगर में तो नेताजी सुभाष चंद्र बोस की खनियाधाना के सीतापाठा, ग्राम हातोद में नेताजी की आजाद हिंद फौज के सेनानी कर्नल ढिल्लन की समाधि मोजूद हैं। इसके अलावा पिछोर में उल्का पिंड की मोजुदगी का हाल ही में दावा किया गया हैं, तो फिर आइए म्हारी न्यारी शिवपुरी। #शिवपुरी_मध्यप्रदेश_टूरिज्म_हमारा_प्रण_शिवपुरी_नंबर_1
फिलहाल धारा 144 लागू, जल्द निर्णय लेगा प्रशासन
बता दें की भारी बारिश के अलर्ट के चलते जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू की हुई हैं। नदी, तालाबों के साथ अन्य जगह रोक हैं। लेकिन अनुकूल हालात होते ही प्रशासन पर्यटक स्थलों पर रोक को लेकर कोई निर्णय लेगा। ये बात डिप्टी कलेक्टर और पर्यटन की अलख कलेक्टर अक्षय सिंह के साथ मिलकर जलाए हुए श्रीमती शिवांगी अग्रवाल ने कही। उन्होंने कहा की परिस्थिति के हिसाब से प्रशासन को कुछ निर्णय लेने पड़ते हैं। 









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