शिवपुरी। फोटोग्राफी वह जादूगरी है, जो अनमोल पलों को संजोती है, ताकि हम उन अनमोल पलों को हमेशा याद कर सकें और उन्हें देख कर आनंदित हो सकें। आज विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर शक्ति शाली महिला संगठन समिति ने बाण गंगा मंदिर परिसर पर शिवपुरी के फोटोग्राफर को पौधा देकर सम्मानित किया इस अवसर पर रवि गोयल ने कहा की हर साल 19 अगस्त को पूरी दुनिया में 'वर्ल्ड फोटोग्राफी डे' मनाया जाता है। ये दरअसल, यह दिन उन लोगों को समर्पित होता है, जिन्होंने कुछ खास पलों को तस्वीरों में कैद कर उन्हें हमेशा-हमेशा के लिए यादगार बना दिया। दुनियाभर के फोटोग्राफरों को प्रोत्साहित करने के लिए भी यह दिवस मनाया जाता है। आज से 25-30 साल पहले की बात करें तो बहुत से लोगों के पास कैमरा तक नहीं था, जिससे वो अपनी तस्वीरें खींच कर उन्हें यादगार के तौर पर रख सकें, लेकिन आज लगभग सभी के पास मोबाइल रूपी कैमरा उपलब्ध है, जिससे लोग आराम से कहीं भी कभी भी तस्वीरें खींच सकते हैं और उन्हें यादगार के तौर पर सहेज कर रख सकते हैं।विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाने की शुरुआत नौ जनवरी, 1839 को फ्रांस में हुई थी। इसके पीछे की कहानी कुछ यूं है कि उस समय एक फोटोग्राफी प्रक्रिया की घोषणा की गई थी, जिसे डॉगोरोटाइप प्रक्रिया कहा जाता है और इसी प्रक्रिया को दुनिया की पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया माना जाता है। फ्रांस के जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर ने इसका आविष्कार किया था। इसके बाद 19 अगस्त, 1839 को फ्रांस की सरकार ने इस आविष्कार की घोषणा की और उसका पेटेंट हासिल किया। यही वो दिन है, जिसे हमेशा याद रखने के लिए हर साल 19 अगस्त को 'वर्ल्ड फोटोग्राफी डे' यानी 'विश्व फोटोग्राफी दिवस' मनाया जाता है। विश्व फोटोग्राफी दिवस सिर्फ उन्हीं लोगों को याद करने के लिए नहीं मनाया जाता है, जिन्होंने फोटोग्राफी के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि यह फोटोग्राफी के क्षेत्र में लोगों को आने के लिए प्रोत्साहित भी करता है और अपना कौशल दिखाने के लिए प्रेरित करता है।आज भले ही सेल्फी लेना आम हो गया हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की पहली 'सेल्फी' कब ली गई थी और किसने ली थी? कहा जाता है कि आज से 182 साल पहले यानी वर्ष 1839 में अमेरिका के रॉबर्ट कॉर्नेलियस ने दुनिया की पहली 'सेल्फी' क्लिक की थी। हालांकि उस समय, सेल्फी क्या होती है, यह कोई जानता भी नहीं था। रॉबर्ट कॉर्नेलियस की वह तस्वीर आज भी यूनाइटेड स्टेट लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस प्रिंट में सहेज कर रखी गई है। फोटोग्राफी के शौकीन या प्रोफेशनल फोटोग्राफरों के लिए 19 अगस्त 2010 का दिन एतिहासिक था, क्योंकि इसी दिन पहली वैश्विक ऑनलाइन गैलरी की मेजबानी की गई थी, जिसमें 250 से अधिक फोटोग्राफरों ने अपनी-अपनी तस्वीरों के माध्यम से अपने विचारों को भी साझा किया था। यह ऑनलाइन गैलरी दुनियाभर में प्रसिद्ध हो गई थी। आज शिवपुरी के राहुल भोला, मृदुल नामदेव डॉक्यूमेंट्री मेकर, भूपेंद्र नामदेव एवम अनिल श्रीधर को शक्ति शाली महिला संगठन की पूरी टीम ने पौधा एवम मूवेंटो देकर सम्मानित किया एवम वर्ल्ड फ़ोटो ग्राफी डे की शुभ कामनाएं दी।

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