शिवपुरी। शहर के समीप स्थित ग्राम चंदनपुरा में जारी श्रीराम कथा के दौरान आचार्य बृजभूषण महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम का चरित्र इस सनातन धर्म का आधार है क्योंकि भगवान श्री राम जी ने ऐसे महान कार्य किए हैं जिनके ऊपर चल करके मनुष्य अपने धर्म का ज्ञान प्राप्त सकता है। और मनुष्य समझ सकता है कि सनातन धर्म की कितनी बड़ी महिमा है। भगवान श्रीराम ने भगवान होते हुए भी कभी भी अपने जीवन में ईश्वरीय शक्तियों का प्रदर्शन नहीं किया एवं सदा मानव अवतार में रहे और मानव जिन कार्यों को कर सकता है उन कार्यों को भगवान श्रीराम ने किया। भगवान श्री राम के चरित्र से शिक्षा प्रत्येक सनातनधर्मी को लेनी चाहिए। भगवान श्रीराम ने पिता की आज्ञा मानकर वनवास स्वीकार किया एवं नाना प्रकार के दुखों को बनवास के समय उठाया। रावण आदि दुष्टों का संहार भगवान ने अपने वनवास के समय किया एवं जिन नियमों को लेकर श्री राम जी गए थे उन नियमों का पालन उन्होंने बनवास के दौरान किया। भगवान श्री राम समूचे राष्ट्र की आवश्यकता हैं। भगवान श्री राम के बिना तो सनातन धर्म की कल्पना भी नहीं की जा सकती, इसलिए भगवान श्री राम की कथा मनुष्य को अवश्य श्रवण करना चाहिए और उनके पद चिन्हों पर चलकर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए। आचार्य जी ने कथा के प्रसंग में श्री राम की लीलाओं का सुंदर गान किया और कहा कि दशरथ एवं कौशल्या मां को प्रसन्न करने के लिए ही भगवान श्रीराम उनके यहां बालक बन कर के आए और एवं उनके माता पिता बनने का संपूर्ण सुख प्रदान किया।
कथा का आयोजन धाकड़ परिवार चंदनपुरा वालों ने किया है। कथा 30 अगस्त तक होगी कथा का समय दोपहर 1 से सायं 5 बजे तक रखा गया है।

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