शिवपुरी। छात्र संघ चुनाव छात्र के व्यक्तित्व निर्माण और राष्ट्र के पुनर्निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा। यह बात छात्र ईशु शर्मा ने कही।
विगत कई वर्षों से सरकार छात्र संघ चुनाव को टालती आ रही है और जब इस साल भी छात्र संघ चुनाव का समय आया तो सरकार कोरोना का बहाना लेकर चुनाव को टालना चाहती है हमारा देश निरंतर नौकरशाही की ओर बढ़ते जा रहा है जहां एक चपरासी से लेकर बड़े से बड़े पद पर पहुंचने के लिए परीक्षाएं होती हैं कोई निश्चित रास्ता होता है परंतु राजनेता जो देश का भविष्य निर्धारित करते हैं वहां आज भी परिवारवाद और चापलूसी ही हावी है और यही कारण है देश मैं जब बात की जाए कुशल नेतृत्वकर्ता की तो चंद लोगों का ही नाम सामने आता हैं और उनमें से भी अधिकांश लोग छात्र राजनीति का हिस्सा रहे हैं आज भी छात्रों में कुशल नेतृत्व के ना होने के कारण वह शासकीय अधिकारियों के द्वारा दबाए जाते हैं भले ही वह कॉलेज हो या अन्य कोई सरकारी दफ्तर अभी भी लोगों को अपने मौलिक अधिकारों का ज्ञान नहीं है जब व्यक्ति को अपनी मौलिक अधिकारों का ही ज्ञान नहीं है तो ऐसी आजादी के होने या ना होने का कोई महत्व नहीं है
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा कई बार छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष रूप से कराने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है परंतु अभी तक सरकार द्वारा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया, यह दर्शाता है की मध्यप्रदेश शासन अभी भी परिवारवाद और चापलूसी को ही बढ़ावा देना चाहती है।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें