शिवपुरी। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी न्यायालय में आरोपी हरनाम सिंह रावत पुत्र श्री सुंदरलाल रावत निवासी ग्राम सुनारी तहसील नरवर परगना करैरा के विरुद्ध मामला लगाया गया था। जिसमें सुनवाई करते हुये न्यायालय द्वारा माननीय न्यायाधीश श्री श्वेता मिश्रा प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट ने 50,000/- रुपये के चैक में आरोपी को दोषसिद्ध करते हुये 4 माह का सश्रम कारावास साथ में दिनांक 28.07.2014 से निर्णय दिनांक 24.08.2022 तक 9 प्रतिशत वार्षिक दर से साधारण व्याज 36.357 /- रुपये एवं अधिवक्ता शुल्क एवं परिवाद के संबंध में अन्य शुल्क, मिलाकर कुल 92,000 /- रुपये अधिरोपित कर फैसला सुनाया है।
परिवादी से आरोपी द्वारा 50,000/- रुपये लिये थे जिसमें आरोपी ने व्यवसायिक एवं घरेलू आवश्यकता के लिये रुपये उधार मांगे थे जिसके एवज में आरोपी द्वारा 50.000/- रुपये का एक चैक भरकर परिवादी को दिया जब परिवादी ने अपने बैंक में चैक को भुनाने के लिये दिया तो बैंक द्वारा फण्ड इसफिसिपेंट की टीप के साथ चेक अनादरित कर दिया जिसकी सूचना उसको दी गई कि बैंक द्वारा चैक बाउंस हो गया है साथ ही साथ पैसे की मांग की तो उसने पैसों का भुगतान नहीं किया इसके बाद आरोपी को सूचना पत्र द्वारा भी अवगत कराया गया फिर भी आरोपी पैसे देने से बचता रहा। अंत में परिवादी सुद्धांशु भार्गव पुत्र स्व. श्री रामशरण भार्गव निवासी महल कॉलोनी शिवपुरी ने उक्त चैक को लेकर अधिवक्ता पंकज आहूजा एवं विनोद शर्मा के माध्यम से न्यायालय में परिवाद किया जिन्होंने पैरवी की और साक्ष्य व दलील दी गई जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा अभियुक्त पर 50,000 /- रुपये के चैक में आरोपी को दोषसिद्ध करते हुये 4 माह का सश्रम कारावास साथ में दिनांक 28.07.2014 से निर्णय दिनांक 24:08.2022 तक 9 प्रतिशत वार्षिक दर से साधारण व्याज 36,357 /- रुपये एवं अधिवक्ता शुल्क एवं परिवाद के संबंध में अन्य शुल्क मिलाकर कुल 92,000/- रुपये अधिरोपित कर फैसला सुनाया है।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें