ओरियन्टल इंश्योरेंस कंपनी एवं टी.पी.ए. मेडी असिस्ट मेडिक्लेम राशि 172989/- रू. एवं ब्याज आवेदक को अदा करे
शिवपुरी। न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग शिवपुरी के अध्यक्ष श्री गौरीशंकर दुबे एवं सदस्य श्रीमति अंजू गुप्ता द्वारा आवेदक के अभिभाषक अजयकुमार जैन द्वारा ओरियन्टल इंश्योरेंस कंपनी एवं प्रबंधक टी.पी.ए. मेसर्स मेडी असिस्ट इंश्योरेंस के विरुद्ध प्रस्तुत किये गये परिवाद पर महत्वपूर्ण आदेश पारित कर बीमा क्लेम की राशि 172989/- रूपये का भुगतान बीमा दावा निरस्त करने की दिनांक 14.02.2020 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से तथा 1,000/- रूपये परिवाद व्यय व मानसिक परेशानी हेतु आवेदक को दिलाये गये हैं।
संक्षेप में प्रकरण इस प्रकार है कि प्रकरण में आवेदक मनीष कुमार सिंघल द्वारा अपना स्वास्थ्य बीमा ओरियन्टल इंश्योरेंस कंपनी से कराया गया था, परिवादी की पॉलिसी दिनांक 11.12.2019 से 10.12.2020 तक के लिये प्रभावशील थी, दिनांक 23.12. 2019 को मनीष सिंघल के हार्ट में दर्द होने से उसे एम.एम. हॉस्पीटल शिवपुरी में दिखाया गया जहां उसका प्राथमिक उपचार हुआ इसके पश्चात उसे दिनांक 24.12.2019 को कोटा हार्ट इंस्टीट्यूट 10-ए तलवंडी कोटा राजस्थान में ले जाया गया जहां चिकित्सकों द्वारा मनीष को एडमिट किया गया आवेदक का रजिस्ट्रेशन नं. 6054 होकर आवेदक अस्पताल में दिनांक 24.12.2019 से 27.12.2019 तक भर्ती रहा। आवेदक का शिवपुरी एवं कोटा हार्ट इंस्टीट्यूट में कुल मिलाकर 172989/- रूपये की राशि खर्च हुई थी जिसकी जानकारी आवेदक द्वारा बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर दी गई एवं क्लेम फार्म से संबंधित संपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत किये थे लेकिन ओरियन्टल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा आवेदक को बीमा राशि न देकर दिनांक 14.02.2020 को रजिस्टर्ड पत्र के माध्यम से सूचना दी गई कि मेडीक्लेम क्लोज नं. 4.1 के अंतर्गत आवेदक को पूर्व की बीमारी विद्यमान होने के कारण उसका क्लेम निरस्त कर दिया गया है एवं बताया कि आवेदक मनीष को उक्त बीमारी वर्ष 2014 से है यह कहकर मनीष का क्लेम खारिज कर दिया गया। तब आवेदक द्वारा अपने अधिवक्ता अजयकुमार जैन एडव्होकेट के माध्यम से न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग शिवपुरी के समक्ष ओरियन्टल इंश्योरेंस कंपनी एवं टी.पी.ए. के विरुद्ध परिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया जिसमें आवेदक के संपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत कर दौराने तर्क माननीय न्यायालय को यह अवगत कराया गया कि वर्ष 2014 में संयोगवश आवेदक के नाम का कोई अन्य व्यक्ति जो गोपीबिहार पुलिस लाईन कोटा का रहने वाला या उसने ईलाज कराया था जिसका रजिस्ट्रेशन नं. 7070 होकर आवेदक से भिन्न था जबकि आवेदक ठण्डी सड़क शिवपुरी का निवासी है इस संबंध में बीमा कंपनी की यह जिम्मेवारी थी कि वह पुलिस लाईन कोटा में जाकर इस बात की जानकारी लेती कि आवेदक ही वह व्यक्ति है अथवा नहीं तथा न्यायालय ने यह पाया कि बीमा कंपनी द्वारा आवेदक मनीष के इलाज में हुये खर्च का भुगतान न कर सेवा में कमी होना प्रमाणित पाकर बीमा कंपनी के विरुद्ध बीमा क्लेम राशि 172989/- रूपये तथा ब्याज व प्रकरण व्यय दिलाये जाने हेतु आदेशित किया गया।

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