दिल्ली। गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने कहा अगर गुलाम नबी आजाद को बीजेपी में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है। हाल ही में कांग्रेस से बीजेपी (BJP) में आए कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) ने गुलाम नबी आजाद को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दिया है। बिश्नोई ने कहा कि अगर पार्टी उनसे पूछे तो वह गुलाम नबी आजाद को बीजेपी में शामिल करने के लिए मना सकते हैं।
इधर आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर कई आरोप लगाए हैं। आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से लेकर सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का इस्तीफा भेजा है। वह काफी लंब समय से कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे। बता दें कि जी-23 गुट कांग्रेस में लगातार कई बदलवा की मांग करता रहा है। आजाद कांग्रेस का बड़ा चेहरा माने जाते रहे हैं। पूर्व में वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं। सोनिया गांधी को लिखे इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा, ''बड़े खेद और बेहद भावुक हृदय के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा शताब्दी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है।'' आजाद ने इस्तीफा पत्र में लिखा, ''2014 में आपके और उसके बाद राहुल गांधी द्वारा नेतृत्व संभाले जाने के बाद, कांग्रेस अपमानजनक ढंग से दो लोकसभा चुनाव हार गई. 2014 से 2022 के बीच 49 विधानसभा के चुनावों में से कांग्रेस 39 में हार गई। पार्टी केवल चार राज्यों के चुनाव जीत पाई और छह में वह गठबंधन की स्थिति बना पाई। दुर्भाग्यवश, आज कांग्रेस केवल दो राज्यों में सरकार चला रही है और दो अन्य राज्यों में यह बहुत सीमांत गठबंधन सहयोगियों में है।
2019 के चुनाव के बाद से पार्टी में हालात खराब हुए हैं। विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पार्टी के लिए जीवन देने वाले सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों का अपमान करने से पहले राहुल गांधी के हड़बड़ाहट में पद छोड़ने के बाद, आपने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया। एक पद जिस पर आप आज भी पिछले तीन वर्षों से काबिज हैं। इससे भी बुरी बात यह है कि यूपीए सरकार की संस्थागत अखंडता को ध्वस्त करने वाला रिमोट कंट्रोल मॉडल अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में लागू हो गया था जबकि आप केवल एक मामूली व्यक्ति हैं, सभी महत्वपूर्ण निर्णय राहुल गांधी द्वारा लिए जा रहे थे या इससे भी बदतर उनके सुरक्षा गार्ड और पीए फैसले ले रहे थे।''

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