Shyopur श्योपुर। देश के लोकप्रिय पीएम नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपना जन्मदिन मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो अभ्यारण्य में चीतों के बीच मनाने जा रहे हैं। बता दें की ठीक इसी दिन कूनो नेशनल पार्क में 8 अफ्रीकन चीतों के आने की तैयारी पूरी कर ली गई हैं। पीएम मोदी इस दौरान महिला स्व-सहायता समूह के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की बैठक से पहले मंत्रिपरिषद के सदस्यों को आज यह जानकारी दी। इसके साथ ही श्योपुर के कूनो में तैयारियां तेज हो गई हैं। मध्यप्रदेश की धरती पर 70 साल बाद चीते लाए जा रहे हैं। श्योपुर में 7 हेलीपैड बन रहे हैं। इसमें 3 नेशनल पार्क के भीतर बन रहे हैं जिन पर लैंड करने वाले हेलीकॉप्टर से चीतों को शिफ्ट किया जाएगा तो वहीं 4 हेलीपैड पार्क के बाहर पीएम मोदी सहित अन्य प्रमुख लोगों के आगमन के लिए तैयार किए जा रहे हैं। श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 8 चीते लाने की पहले 15 अगस्त की तैयारी थी। इधर पीएम के डोरे को लेकर /
संभागायुक्त ग्वालियर, चंबल आशीष सक्सेना ने कूनो नेशनल पार्क पहुंच करचीतों की शिफ्टिंग की व्यवस्थाएं देखें साथ ही उड़नखटोला से लेकर इंतजाम चौकस रखने के निर्देश दिए। इस अवसर पर साथ मे कलेक्टर, अपर कलेक्टर, एसडीएम आदि रहे उपस्थित थे।
दिल्ली होते हुए ग्वालियर लाए जाएंगे चीते
चीते नामीबिया से पहले दिल्ली लाए जाएंगे। यहां से चीते ग्वालियर एयरपोर्ट पर लाए जाएंगे। इसके बाद हवाई मार्ग से कूनो पालपुर पहुंचेंगे। 15 सितंबर को नामीबिया से जोहान्सबर्ग हवाई मार्ग से चीते करीब 2 घंटे 10 मिनट का समय लगेगा। नामीबिया से आने के बाद चीतों को 30 दिन क्वारटाइन रखा जाएगा। इसके बाद इन्हें धीरे-धीरे बड़े बाड़ों में शिफ्ट किया जाएगा। बाद में खुले में भी छोड़ा जाएगा। उनकी छह से आठ महीने तक कड़ी निगरानी रखी जाएगी। वन विभाग के अनुसार चीते को फिर से देश में लाने के लिए लंबे समय से प्रोजेक्ट चल रहा है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को इसकी मंजूरी दी थी। प्रयोग के लिए अफ्रीकन चीते को भारत के जंगलों में लाया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों से प्रोजेक्ट ने फिर रफ्तार पकड़ी है। चीतों को भारत लाने की पहल 2010 में तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने की थी। एक दशक के बाद मामले में बड़ा मोड़ आया। पहली बार 28 जनवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने चीतों को भारत लाने की अनुमति दी थी। साथ ही, कोर्ट ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को चीतों के लिए उपयुक्त जगह तलाशने का आदेश दिया था। कई राष्ट्रीय उद्यानों पर विचार के बाद एक्सपर्ट्स ने मध्यप्रदेश के श्योपुर में कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान को चुना।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें