शिवपुरी। सुभाष पाठक 'ज़िया' का दूसरा ग़ज़ल संग्रह 'तुम्हीं से ज़िया है' अभिधा प्रकाशन से प्रकाशित होकर आ गया है। सुभाष ने कहा कि मैं हृदय से आभारी हूँ ज्ञान प्रकाश विवेक का जिन्होंने इस संग्रह की भूमिका लिखकर मुझे अपना आशीर्वाद दिया और आलम ख़ुर्शीद का जिन्होंने 'तुम्हीं से ज़िया है' का फ्लैप लिखकर मुझे अपनी दुआओं से नवाज़ा है। मैं आभारी हूँ प्रेमकिरन, दिनेश दधीचि, शारिक कैफ़ी, डॉ अशोक मिज़ाज 'बद्र', अफ़रोज़ आलम, नुसरत मेहदी, डॉ. महेंद्र अग्रवाल, मुहम्मद आज़म का जिन्होंने मेरी किताब पर अपने आशीर्वचन दिये। मैं आभारी हूँ इशरत ग्वालियरी एवं यूसुफ़ क़ुरैशी का जिनका स्नेह और मार्गदर्शन मुझे क़दम क़दम पर मिलता रहा है। मैं आभारी हूँ मशहूर ग़ज़ल गायक भूपिंदर सिंह, मशहूर गायिका चंदना दीक्षित, संगीतकार अश्वनी कुमार, मुहम्मद वकील, अहमद रज़ा, शिखा-मयंक एवं अज़हर मेवान का जिन्होंने मेरी ग़ज़लों के संगीतात्मक पक्ष पर अपनी बातें रखीं और मुझे इस संग्रह के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं। सुप्रसिद्ध रेखाचित्रकार सिद्धेश्वर का सुंदर आवरण के लिए आभार व्यक्त करता हूँ।
अपने जज़्बातों, अहसासों और अपने अनुभवों का ये संग्रह आप सब के हाथों में सौंपते हुए बहुत ख़ुशी महसूस कर रहा हूँ। जिस तरह आपने मेरे पहले ग़ज़ल संग्रह 'दिल धड़कता है' को सराहा है, उसी तरह यदि आपको 'तुम्हीं से ज़िया है' से कोई शेर कोई ग़ज़ल, कोई मिसरा आपके हृदय को स्पंदित कर पाया तो मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझूँगा।
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