शिवपुरी। शिवपुरी शहर के मंशापूर्ण मंदिर पर चल रही राम कथा में दूसरे दिन कथा का वाचन करते हुए किशोरी दासी जी महाराज ने बताया कि रामकथा यदि रस है तो शिव कथा कटोरा है जिस तरह कटोरा के बिना रस ग्रहण नहीं किया जा सकता उसी प्रकार राम कथा को जीवन में उतारने के लिए शिव कथा सुनना जरूरी है। कथा के माध्यम से समाज को संदेश देते हुए कहा कि जीवन में सुख और दुःख और अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों का आना स्वाभाविक है, लेकिन जो भगवान का भक्त होता है वो इन दोनों परिस्थितियों का हंसकर सामना करता है।
साथ ही व्यक्ति को कर्म करते रहना चाहिए फल की इच्छा भगवान पर छोड़ देना चाहिए जब हमारी उम्मीद के अनुसार फल न मिले तो निराश नहीं होना चाहिए, जिस प्रकार सूरज का रंग उदय और अस्त होते समय एक जैसा रहता है उसी प्रकार व्यक्ति को संपति और विपत्ति दोनों परिस्थितियों में एक समान व्यवहार करना चाहिए.
रामकथा के मध्य कृष्णा दीदी द्वारा गाए हुए नंदी पे होके सवार भोला जी चले दूल्हा बनके भजन को सुनकर श्रोता भाव विभोर नजर आए। इस अवसर पर अमरदीप शर्मा (पार्षद ) हरिचरण पाल (पूर्व पार्षद) पं.अरुण शर्मा, पं.लक्ष्मीकांत शर्मा , नेमी कुमार जैन, अजय शर्मा, राजेश कृष्ण दुबे सहित विभिन्न मानस प्रेमी उपस्थित थे.

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