शिवपुरी। उपभोक्ता आयोग शिवपुरी ने लाखों रूपयों के विद्युत बिल निरस्त कर दिए। उपभोक्ता की तरफ से एडवोकेट अजय जैन ने पैरवी की थी।
शिवपुरी न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग शिवपुरी के अध्यक्ष गौरीशंकर दुबे एवं सदस्यगण राजीवकृष्ण शर्मा एवं श्रीमती अंजू गुप्ता द्वारा प्रकरण में आवेदक उमेश गोयल के अधिवक्ता अजय कुमार जैन एडव्होकेट द्वारा प्रस्तुत किये गये परिवाद को स्वीकार कर म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. शिवपुरी के विरुद्ध संशोधित बिल, क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय दिये जाने हेतु आदेश पारित किया है।
संक्षेप में प्रकरण इस प्रकार है कि प्रकरण के परिवादी उमेश गोयल पुत्र श्री विष्णुदास गोयल निवासी गांधी चौक शिवपुरी के घरेलू विद्युत सर्विस कनेक्शन क्रमांक पर विद्युत कंपनी द्वारा वर्ष 2017 से आंकलित खपत के बिल प्रदान किये जाकर अवैधानिक रूप से राशि जमा कराई जा रही थी, उमेश गोयल द्वारा इस दौरान लगभग पांच लाख रुपये की राशि जमा किये जाने के पश्चात भी 2,95,499/- रूपये का बिल जुलाई-2021 में प्रेषित कर दिया गया व उक्त बिल को जमा किये जाने हेतु विद्युत मण्डल द्वारा बाध्य किया जाने लगा व बिल जमा न करने पर कनेक्शन काटने की कार्यवाही की गई जिससे दुःखित होकर उमेश गोयल द्वारा अपने अधिवक्ता अजय कुमार जैन एडव्होकेट के माध्यम से न्यायालय जिला उपभोक्ता फोरम की शरण ली गई जिसमें विद्युत कंपनी द्वारा अपना जबाव प्रस्तुत किया गया व व्यक्त किया कि आवेदक के कनेक्शन की जांच के उपरांत यह पाया गया कि आवेदक को मार्च 2016 से फरवरी 2020 की अवधि में आंकलित खपत के बिल जारी किये गये थे उसके बाद 30 जून 2020 को नवीन मीटर स्थापित किया गया जिस आधार पर विगत माह मई, जून व जुलाई-2021 की मीटर रीडिंग के आधार पर 902 यूनिट प्रतिमाह का आंकलन कर मार्च-2016 से फरवरी 2020 तक के बिल प्रेषित किये गये है जिसे माननीय न्यायालय द्वारा नियम के विरूद्ध माना जाकर आंकलित खपत के बिल स्वीकार योग्य न होकर निरस्त किये जाने योग्य माना गया व खपत हुई यूनिटों का आंकलन किये जाने पर औसत यूनिट 513 प्रत्येक माह का बिल प्राप्त करना उचित माना जाकर आदेश पारित किया कि त्रुटिपूर्ण औसत खपत 902 यूनिट के बिल वर्ष 2016 से 2020 तक के बिलों को निरस्त किया जाकर 513 यूनिट प्रतिमाह के नवीन संशोधित बिल अधिभार रहित जारी किये जावे व जमा राशि को नवीन संशोधित बिलों में समायोजित किये जाने तथा मानसिक परेशानी एवं प्रकरण व्यय भी दिलाये जाने हेतु विद्युत वितरण कंपनी को आदेशित किया गया।

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