मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा ज़िलेवार गतिविधि "सिलसिला" के अंतर्गत शिवपुरी में "साहित्यिक गोष्ठी" आयोजित
शिवपुरी। देश की आजादी के 75 वर्ष के अवसर अमृत महोत्सव के अंतर्गत मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी, संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश में संभागीय मुख्यालयों पर नवोदित रचनाकारों पर आधारित "तलाशे जौहर" कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद अब ज़िला मुख्यालयों पर स्थापित एवं वरिष्ठ रचनाकारों के लिए "सिलसिला" के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इस कड़ी का चौदहवां कार्यक्रम होटल मातोश्री पैलेस, शिवपुरी में 17 सितंबर 2022 को शाम 6:30 बजे "शेरी व अदबी नशिस्त" का आयोजन ज़िला समन्वयक सुकून शिवपुरी के सहयोग से किया गया। अकादमी की निदेशक डॉ. नुसरत मेहदी के अनुसार उर्दू अकादमी द्वारा अपने ज़िला समन्वयकों के माध्यम से प्रदेश के सभी ज़िलों में आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत "सिलसिला" के अन्तर्गत व्याख्यान, विमर्श व काव्य गोष्ठियाँ आयोजित की जा रही हैं। ज़िला मुख्यालयों पर आयोजित होने वाली गोष्ठियों में सम्बंधित ज़िलों के अन्तर्गत आने वाले गाँवों, तहसीलों, बस्तियों इत्यादि के ऐसे रचनाकारों को आमंत्रित किया जा रहा है जिन्हें अभी तक अकादमी के कार्यक्रमों में प्रस्तुति का अवसर नहीं मिला है अथवा कम मिला है। इस सिलसिले के तेरह कार्यक्रम भोपाल, खण्डवा, विदिशा, धार, शाजापुर टीकमगढ़, सागर एवं सतना, रीवा, सतना सीधी, रायसेन, सिवनी, नरसिंहपुर नर्मदापुरम एवं दमोह में आयोजित हो चुके हैं और आज यह कार्यक्रम शिवपुरी में आयोजित हुआ जिसमें शिवपुरी ज़िले के रचनाकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत प्रस्तुत कीं।शिवपुरी ज़िले के समन्वयक सुकून शिवपुरी ने बताया कि शिवपुरी में आयोजित साहित्यिक गोष्ठी में 20 शायरों और साहित्यकारों ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिवपुरी के वरिष्ठ शायर एवं साहित्यकार डॉ एच पी जैन ने की, मुख्य अतिथि के रूप में रामजी व्यास (समाज सेवी) एवं विशेष अतिथियों के रूप में हाज़ी युसफ़ अहमद क़ुरैशी (सालारे कारवाने उर्दू),आफ़ताब आलम (सद्र बज़्म ए उर्दू शिवपुरी), डॉ. महेंद्र अग्रवाल (संपादक नई ग़ज़ल पत्रिका ), पवन शर्मा (व्यवस्थापक सरस्वती विद्या पीठ शैक्षणिक संस्थान शिवपुरी ) मंच पर उपस्थित रहे। इस अवसर पर यूसुफ़ अहमद क़ुरैशी ने "जंगे आज़ादी में उर्दू ज़ुबान ओ अदब का किरदार" के विषय पर अपना आलेख प्रस्तुत किया। जिन शायरों ने अपना कलाम पेश किया उनके नाम और अशआर इस प्रकार हैं।
गोदी में खेले जिसकी पलकर बड़े हुए
माँ भारती के चरणों में करते हैं हम नमन
डॉ एच पी जैन
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ए हिन्द तेरी अज़मत की क़सम, हर वक़्त तेरे काम आएंगे
जां देने का जो आया वक़्त अगर, ये जां भी तुझी पे लुटाएंगे -
मुबीन अहमद मुबीन
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ख़यालो ख़्वाब में डूबे हुए, नक़्शा बनाता हूँ
मैं जंगल से गुज़रता हूँ तो इक रस्ता बनाता हूँ
डॉ महेंद्र अग्रवाल
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हम सबको मुहब्बत से नफ़रत को मिटाना है,
हर हाल में नफ़रत की दीवार गिराना है
इरशाद जालौनवी
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कोई भी मुल्क की सरहद को छू नहीं सकता,
हर एक शख्स जो अब्दुल हमीद हो जाए,
नईम सिद्धिकी
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ये है भारत की पहचान
सभी के धर्मों का सम्मान
मेरा प्यारा हिन्दुस्तान
सबसे न्यारा हिंदुस्तान
इशरत ग्वालियरी
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दुनिया से भेदभाव मिटाया है दोस्तो
हमने लुटा दी जान तिरंगे की शान पर
सलीम बादल
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माथे पे तुझको लगाऊं तू ही मेरी शान है
मेरी माटी तुझपे मेरी ज़िन्दगी कुर्बान है
सुभाष पाठक ज़िया
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गुमनाम और ख़ामोश पड़े रहते हैं
बरसात और कड़ी धूप भी ये सहते हैं
या दफ़्न किताबों में हैं किरदारे वतन
या बुत बने सड़कों पे खड़े रहते हैं -
सुकून शिवपुरी
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पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण
धरती अंबर में जय जय जय
बोलो भारत माता की जय
गाओ भारत माता की जय -
घनश्याम शर्मा
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विश्व में डंका बजेगा हर देश पर ये देश भारी
हो धर्म भाषा क्षेत्र कोई जय हिन्द बोले क़ौम सारी
अवधेश सक्सेना
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धर्म बांटते इंसानों को
सबको एक बनाती मिट्टी
आफ़ताब अलम
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बात करना है तो फिर मुहब्बत की कर
मैं बना ही नहीं दुश्मनी के लिए
प्रदीप अवस्थी सादिक
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गुज़र जाता है हर दिन अपना जद्दोजहद में दाना पानी की
बराबर हैं सातों दिन अपने इसमें कोई इतवार नहीं -
आशीष पटेरिया
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पावन और पवित्र धरा है मेरे देश महान की
जय बोलो भारत मां की जय बोलो हिंदुस्तान की -
जयपाल जीत
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कार्यक्रम के अंत में सुकून शिवपुरी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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