शिवपुरी। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशन एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमान दीपक गुप्ता के मार्गदर्शन में महिलाओं के लिए महिला बाल विकास विभाग के सहयोग से जनपद कार्यालय करैरा में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति श्री डीएल सोनिया ने महिलाओं को घरेलू हिंसा के प्रावधानों के संबंध में बताया कि यदि शारीरिक दुर्व्यवहार अर्थात शारीरिक पीड़ा अथवा स्वास्थ्य को खतरा , लैगिंग दुर्व्यवहार अर्थात महिला की गरिमा का उल्लंघन अपमान या तिरस्कार करना या मौखिक और भावनात्मक दुर्व्यवहार अर्थात अपमान, उपहास, गाली देना या आर्थिक दुर्व्यवहार अर्थात आर्थिक या वित्तीय संसाधनों जिसकी वह हकदार है से वंचित करना या मानसिक रूप से परेशान करना ये सभी घरेलू हिंसा कहलाते हैं।
लैंगिक शोषण ;जैसे बलात्कार अथवा बलपूर्वक बनाए गए शारीरिक सम्बंध अश्लील साहित्य या सामग्री देखने के लिए मजबूर करना, अपमानित करने के दृष्टिकोण से किया गया लैंगिक व्यवहार और बालकों के साथ लैंगिक दुर्व्यवहार मौखिक और भावनात्मक हिंसा जैसे अपमानित करना गालियाँ देना, चरित्र और आचरण पर आरोप लगाना, दहेज के नाम पर प्रताड़ित करना या किसी व्यक्ति विशेष से विवाह के लिए मजबूर करना या आत्महत्या की धमकी देना इत्यादि घरेलू हिंसा होने पर आप अपने आंगनबाडी कार्यालय या महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से या कोर्ट में अपना प्रकरण पेश कर सकते हैं।
शिविर में श्री प्रदीप कुशवाह एडीजे ने पास्को एक्ट एवम एसिड पीड़ित प्रतिकर से महिलाओ को जागरूक किया।एसिड पीड़ित प्रतिकर में पीड़ित को 3 लाख की सहायता दी जा सकती है। न्यायिक मजिस्ट्रेट एम0के0वर्मा द्वारा बाल विवाह के संबंध में जानकारी देते हुए व्यक्त किया कि यदि कोई वयस्क पुरुष या कोई व्यक्ति किसी जो 21 वर्ष से अधिक आयु का है बाल विवाह करता है तो उसे 2 वर्ष के लिए कठोर कारावास या एक लाख रुपये अथवा दोनों का जुर्माना हो सकता है। बाल विवाह संबंधी सूचना आप आंगनबाडी या परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास को सीधे दे सकते है। शिविर में श्रीमती सलमा बैरागी महिला बाल विकास दारा आभार व्यक्त किया गया।
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