शिवपुरी। भारत में सदियों से परंपराओं का लगातार बने रहना, उन्हे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ते देखना अच्छा लगता है, और ये सिलसिला कभी थमना भी नहीं चाहिए। हम व्यस्तता के बीच कई बार त्योहारों को बेमन या हल्के में मनाते हैं या फिर कोई वजह का नाम से देते हैं लेकिन जब तक कोई बेहद ठोस वजह न हो तब तक हमको त्योहार दिल खोलकर मनाना चाहिए वो भी बच्चों को साथ लेकर उन्हें रीति रिवाज और तरीकों की जानकारी देते हुए। शायद देश में सदियों से यही होता भी आया हैं। खैर हमारा आशय आपको समझ आ गया होगा। आज हम इसी बात का एक उदाहरण लेकर हाजिर हैं। आप सभी ट्रैफिक प्रभारी रणवीर यादव को जानते ही होंगे। दिन रात ड्यूटी और उसे शिद्दत से निभाते रणवीर सिंह। आज अनंत चौदस को उन्होंने श्री गणेश भगवान का विधि विधान से विसर्जन किया वो भी पूरे परिवार के साथ। खास बात ये थी कि उनके बड़े बेटे आर्यवर्थ सिंह यादव ने भगवान श्री गणेश को अपने सिर पर विराजित किया। पूजन उपरांत नगर के गोरी गणेश कुंड पर जाकर उनका विसर्जन किया जिसमें छोटे बेटे आर्यवीर सिंह यादव उनके साथ मोजूद रहे। विसर्जन से पहले दोनों बालकों ने इस पूरी प्रक्रिया के बारे में उत्सुकता से पूछताछ की कि क्यों भगवान को विसर्जित करते हैं। जब पूरी बात पिता रणवीर जी ने समझाई तब दोनों ने भगवान के कान में धीरे से कहा गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ। इधर यादव ने हम सभी को अनंत चतुर्दशी की हार्दिक शुभकामनाए दी हैं।
तो इस तरह आप समझ गए होंगे कि भारत की शान त्योहार हम सभी को व्यस्तता के वाबजूद यादव जी की तरह दिल खोलकर मनाना क्यों आवश्यक हैं।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें