शिवपुरी। अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस की शुभकामनाएं बेटियां घर की उत्सव होती हैं। बेटियों से घर परिवार की रौनक होती है। बेटियों को रंगोली, अल्पना के रूप में भी देखा जा सकता है, जो घर की सुंदरता को बढ़ाती हैं। लेकिन बेटियों को समाज में बेटों या पुरुषों से कमतर समझा जाता है। कई रूढ़िवादी विचार के लोग मानते हैं कि बेटियां तो पराई होती हैं, बेटे ही परिवार का वंश चलाते हैं। बेटे पर घर परिवार की जिम्मेदारी होती है, जबकि माता पिता को समर्पित बेटी को हमेशा दूसरे घर जाना होता है। इस कारण बेटी और बेटे में लोगों बेटों को अधिक महत्व देते हैं। ये कहना था कार्यक्रम समन्वयक रवि गोयल का जो की कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बोल।रहे थे । भारत में तो बेटियों की चाह न होने के कारण ही अधिकतर भ्रूण हत्या के मामले सामने आते हैं। ऐसे में बेटियों को बचाने, उनके उज्जवल भविष्य के लिए हर साल सितंबर माह में बेटियों को समर्पित एक खास दिन मनाया जाता है। दुनियाभर में सितंबर माह के चौथे रविवार को अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस होता है। इस साल 25 सितंबर को विश्व बेटी दिवस के उपलक्ष्य में शक्ती शाली महिला संगठन द्वारा ग्राम सुरवाया में एक विशेष प्रोग्राम आयोजित किया जिसमे बेटी दिवस के मौके पर हर सुपोषण सखी एवम किशोरी बालिकाओं ने बेटी दिवस पर सुपोषण सखी नर्मदा ने संदेश पढ़े एवम सबको ये शुभकामना संदेश आगे फॉरवर्ड करने की अपील की, ताकि उन्हें हो बेटी होने पर गर्व।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, समाज को प्रगति के रास्ते ले जाओ ये कहना था लक्ष्मी आदिवासी का जो की सबको अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस की शुभकामनाएं देती हुई बहुत भावुक हो गई थी बेटी दिवस पर कमलेश जाटव सुपोषण सखी ने कहा की मां चाहिए, पत्नी चाहिए, बहन चाहिए फिर बेटी क्यों नहीं चाहिए?उन्होंने सबसे ये प्रश्न किया एवम अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस की शुभकामनाएं सभी को दी। प्रोग्राम में रवि गोयल ने बेटी हैं कुदरत का उपहार, जीने दो उनको और दो अधिकार के साथ साथ जिस घर में होता बेटी का सम्मान, वह घर होता स्वर्ग समान। कहकर सबको अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस की शुभकामनाएं दी प्रोग्राम में गोयल ने बेटियों में बढ़ती एनीमिया की समस्या पर चिंता जाहिर की। एवम बेटियो को अपने खान पान पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया।

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