शिवपुरी। रस्सी पर चलते इस मासूम बच्चे में अपने बच्चे की झलक देखिए, फिर अंतरात्मा से बताइए कि वह जोखिम में है या नहीं ? बच्चों के बीच तो अपने पराये का भेदभाव मत कीजिये। अगर कोई बच्चा जोखिमपूर्ण हालातों में है, तो उसे रोकिये। वीडियो बनाने और तालियां बजाने में मस्त मत हो जाइये। यह नसीहत बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने तमाशबीन बने लोगों को दी।बीते रोज पोहरी बस स्टैंड रोड पर छत्तीसगढ़ का एक नट परिवार 8 साल के बच्चे को रस्सी पर चलाकर खेल दिखा रहा था। सूचना मिलने पर बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा मौके ने पर पहुँचकर खेल बंद करवाया तथा तमाशा देखने वाले लोगों को कड़े शब्दों में नसीहत दी कि अगर यह बच्चा रस्सी से नीचे गिरा तो क्या होगा। जो परिवार उससे काम कर रहा है,उसे तो कमाई करना है इसलिए उसे जोखिम नहीं दिख रहा, पर हमें तो दिखना चाहिये। बाद में लोगों ने अपनी भूल स्वीकारते हुए कहा कि बास्तव में बच्चा गिर सकता है।
जोखिमों का आभास कराया
बच्चे को संरक्षण में लेकर विशेष किशोर पुलिस इकाई के प्रधान आरक्षक ओमप्रकाश शर्मा एवं चाइल्ड लाइन टीम के सहयोग से बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। जहां 3 घण्टे तक चली काउंसलिंग में बच्चे की मां ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए भविष्य में बच्चे से तमाशा न कराने का भरोसा दिया।
20 दिन पहले भी हुई थी कार्यवाही
उल्लेखनीय है बाल संरक्षण अधिकारी शर्मा ने शहर के सब्जी मंडी क्षेत्र में भी 7 सितंबर को एक परिवार को तमाशा करते देखा था। उसे विशेष किशोर पुलिस इकाई तथा चाइल्ड लाइन सदस्य संगीता चव्हाण के सहयोग से बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया था। जहां बच्चे के माता- पिता की काउंसलिंग कर भविष्य में बच्चे को रस्सी पर नहीं चलाने की हिदायत के साथ छोड़ा गया था।
बच्चों के प्रति मैत्रीपूर्ण नजरिया रखें
बच्चों को जोखिमपूर्ण हालातों में देखते ही उनकी मदद के लिए प्रयास करें। तमाशबीन न बनें। बच्चों के प्रति मैत्रीपूर्ण सामाजिक दृष्टिकोण आवश्यक है। ऐसे दृश्य देखें तो चाइल्ड लाइन को 1098 पर सूचित जरूर करें।
डॉ. सुषमा पांडेय, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति शिवपुरी
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