बदरवास। अष्टोत्तर शत श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ एवं सहस्त्र चंडी महायज्ञ में अंतरराष्ट्रीय कथा प्रवाचक भागवत भास्कर डॉ श्याम सुंदर शास्त्री जी ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पाप ताप संताप से ग्रसित मानव भी यदि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कर लेता है तो उसका भी कल्याण संभव है।
हम सभी का जन्म 7 दिन में होता है और मृत्यु भी इन्हीं 7 दिन में होती है। भागवत कथा भी 7 दिन में पूर्ण होती है। श्री पाराशर जी ने कहा यदि हमने श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण मन लगाकर किया तो निश्चित ही हमारा कल्याण संभव है।कथा व्यास जी ने कहा कि हम भगवान की पूजा करते हैं उनकी सेवा भजन करते हैं लेकिन परमात्मा के बनाए हुए प्राणियों से द्वेष करते हैं तब हम निश्चित रूप से भस्म में हवन कर रहे हैं शास्त्रों में आग में हवन करने का विधान है राख में हवन करना व्यर्थ है। संसार के समस्त जी परमात्मा के बनाए हुए हैं इसलिए परमात्मा भाव से सभी से प्रेम एवं सौहार्द का वातावरण निर्मित करें यही सच्ची पूजा है।
भगवान को पदार्थ की आवश्यकता नहीं उन्हें हमारा भाव चाहिए भाव से 5 वर्ष अवस्था में ध्रुव ने परमात्मा को प्राप्त कर लिया था।
कथा के परीक्षित प्रमुख यजमान अजय शर्मा जी भागवत का पूजन किया। मां भुवनेश्वरी मंदिर समिति द्वारा सभी क्षेत्र वासियों के सहयोग से यह आयोजन बदरवास नगर में किया जा रहा है जिसमें सभी नगरवासी उत्साह पूर्वक धर्म लाभ ले रहे हैं।
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