या फिर कुछ और ? शायद ये अधूरा सच है, मसलन पूरा सच ये है की बेशक चीतों का भारत आगमन इतिहास लिखेगा, पीएम मोदी जी उन्हें जंगल में छोड़ेंगे। लेकिन सिर्फ चीता मिशन पर ही देश के पीएम श्योपुर नहीं आ रहे बल्कि मिशन आम चुनाव मई 2024 हैं, इसी के मद्देनजर आदिवासी बाहुल्य श्योपुर और शिवपुरी जिले में पीएम मोदी का आगमन हो रहा है। साल 2024 को ध्यान में रखते हुए कराहल में आदिवासियों का विशाल सम्मेलन होने जा रहा है। अगर कंफूसियों की जानकारी में दम है तो पीएम लाखों लोगों को संबोधित करने वाले हैं। इस बात की पुष्टि के लिए दूसरी खबर ये है की संभाग ही नहीं बल्कि प्रदेश के दीगर जिलों से सैकड़ों वाहनों में भरकर लोग उस सभा में शामिल होने वाले हैं। अकेले शिवपुरी जिले को 1250 वाहनों का टारगेट दिया गया हैं। इतना ही नहीं इस मिशन में स्कूल बसों को भी शामिल किया जा रहा है इसलिए सूत्र बता रहे हैं की ग्वालियर में तीन दिन कुछ स्कूलों में छुट्टी रहेगी। जैस जैसे दिन करीब आता जा रहा है वैसे वैसे अधिकारियों के दिलों की धड़कन बढ़ती जा रही हैं। कुलमिलाकर मिशन 2024 में 400 पार जाने की रणनीति का हिस्सा अफ्रीकन चीते भी बन पड़े हैं, ऐसा जानकार कहते हैं।
खैर जो भी हो खिलेगा पर्यटन का कमल
बात चाहे जो भी हो लेकिन पर्यटन प्रेमी कूनो जरूर आयेंगे। जाहिर सी बात है, एक तरफ शिवपुरी तो दूसरी तरफ रणथंभोर यानि शिवपुरी जिले में पर्यटन की रुकी बयार फिर से बहने की उम्मीद जाग गई है, इसलिए ह्रदय से चीतो और भारत के शेर पीएम नरेंद्र मोदी का श्योपुर और पड़ोसी शिवपुरी की धरती पर स्वागत है।

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