शिवपुरी। लोग दोस्ती की मिसाल देते हैं लेकिन कुछ दोस्त मुंह पर कालिख पोत डालते हैं। ऐसा ही कारनामा शिवपुरी नगर में हुआ हैं। जिला अस्पताल में आयुष्मान जिला समन्वयक के पद पर तैनात दीपक कुशवाह के साथ। जिनके पास उनका दोस्त भानु धाकड़ निवासी बायपास शिवपुरी 21 अगस्त को आया और बोला घर पर किसी की तबियत खराब हैं तेरी बाइक दे दे। कुछ देर में लोटा दूंगा। लेकिन वह नहीं लोटा। अगले दिन टाला फिर बोला उसके जीजाजी ग्राम ले गए बाइक। जब दीपक ने जिस पकड़ी तो जीजा के गुना जाने और बाइक की चाबी साथ ले जाने की बात की। मुश्किल से दो महीने पुरानी खरीदी ब्रांड न्यू बाइक नहीं मिलने से दीपक को शंका हुई तो कोतवाली में आवेदन दिया लेकिन पुलिस आवेदन रखकर बैठ गई। इधर खुद दीपक ने भानु को अपने साथ लिया और कोतवाली ले गया। जब पुलिसिया अंदाज में बात की तो पता लगा उसने बाइक 28 अगस्त को किसी को विक्रय कर दी। जब सच सामने आया तो दीपक के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाकर बाइक विक्रय की। आरटीओ से कागजात भी बन गए। दीपक को बाइक तो मिल गई लेकिन पुलिस ने नटवरलाल जैसा कारनामा करने वाले को चलता कर दिया।
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