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धमाका एक्सक्लूसिव: #Swallow_Bird_अबाबील_पक्षियों ने ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका से पर्यटन नगरी #शिवपुरी आकर जाधव सागर की #दीवार पर बनाए सैंकड़ों #घोंसले, देखिए वीडियो, पढ़िए रोचक खबर

रविवार, 4 सितंबर 2022

/ by Vipin Shukla Mama
अबाबील पक्षी की रोचक जानकारी - Swallow Bird
Shivpuri शिवपुरी। भारत के साथ साथ विदेशों में मिट्टी से घोंसला बनाने वाले अबाबील पक्षियों का ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका से पर्यटन नगरी शिवपुरी में आगमन हो गया है। ये पक्षी प्रशांत महासागर के ओशियानिक आइलैंड में भी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। अबाबील का दूसरा नाम स्वालो भी है। ये पक्षी अनाजघर, अस्तबल या गोशाला, हवेली, बिल्डिंग, मकान की दीवारों में एक साथ अपना घोंसला बनाते हैं। घोंसला बनाने के लिए मिट्टी आदि सामान जुटाने में इन्हें लगभग 1,200 बार सफर करना पड़ता है। 
अबाबील पक्षी की इतनी जानकारी के बाद आपको एहसास होगा की इसमें खास बात क्या है और संख्या सागर झील चांदपाठा में तो हर साल ये विदेशी मेहमान यानी पक्षी आते रहते हैं लेकिन धमाका की ये स्टोरी जरा डिफरेंट है।
दरअसल झीलों, तालाबों के किनारे अक्सर नजर आने वाले अबाबील पक्षी के घोंसले नायाब हैं। यकीन नहीं हो तो नगर के जाधव सागर किनारे चलिए और देखिए नजर उठाकर तो आपको जाधव सागर बिल्डिंग की ऊंचाई पर सांप की बामी जैसे मिट्टी के सैकड़ों घर नजर आएंगे लेकिन हकीकत में ये अबाबीन पक्षियों के वो घोसलें या कहिए आशियाने हैं जो ये पक्षी झुंड में एक साथ आकर झील किनारे चिकनी मिट्टी से बनाते हैं। ठीक पति पत्नी की तरह अबाबील पक्षी एक ही जोड़ा बनाते हैं। प्रजनन करते हैं, और फिर सर्दियों के बाद ये वापिस अपने वतन लौट जाते हैं। जानकारों की माने तो ये एक ही घोंसले का बार बार उपयोग भी करते हैं। हमारे साथी और स्पोर्ट्स इंस्ट्रक्टर साबिर पठान ने हमारे लिए ये खास खूबी वाले पक्षियों को कैमरे में कैद किया हैं। इनका कलरव शोर मन को आनंदित करता जान पड़ता हैं। पानी किनारे एक साथ पानी पीते, अठखेलियां करते ये मन को लुभाते जान पड़ते हैं। 
अबाबीर पक्षी के बारे में जानिए खास बातें
* अबाबील पक्षी पूरी दुनिया में कई जगह पाया जाता है इस पक्षी की पूरी दुनिया में करीबन 83 प्रजाति हैं। देखने में गौरैया की तरह आकार 4-8 इंच होता है। 
* भारत में अबाबील पक्षी सितंबर, अक्टूबर में आना शुरू कर देते हैं और ये अप्रैल मई में चली जाते हैं। 
*  अबाबील पक्षी का औसत जीवनकाल लगभग 3 से 4 वर्ष के आसपास तक होता है। 
* चूहे, बिल्ली, उल्लू अबाबील का शिकार करते हैं और उनके घोसले तोड़ देते हैं। अंडो बच्चो को भी खा जाते हैं। 
* इसका घोसला एक उत्तम कलाकारी का नमूना है जो कप या सुराही जैसा होता है। 
*अबाबील अपना घोंसला नरम मिट्टी से बनाते हैं। घोसले के लिए पानी किनारे की बिल्डिंग, मकान आदि की दीवारों के कोने को पसंद करता है।
* नुकीले चोंच वाले अबाबीर पक्षी भोजन में तितली, मक्खी, चींटी खाते हैं। पक्षी का मुंह चौड़ा होता है जिससे ये हवा में उड़ने वाले पतंगो को भी आसानी से चट कर जाते है। 
* मादा अबाबील पक्षी की एक खास बात ये है की मादा ज्यादातर लम्बे पूंछ वाले नर अबाबील को अधिक पसंद करती हैं। 
* इस पक्षी की उड़ने की रफ्तार 55 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है। एक दिन में करीबन 300 किलोमीटर तक भी उड़ सकता है। 
* अबाबील पक्षी कई रंगो में मिलते हैं। ऊपरी हिस्सा नीला और चमकीला काला होता है इसके सिर के पास का हिस्सा भूरा और गले के चारो और कत्थई पट्टी होती है। पीठ के नीचे एक सफेद चौड़ी धारी भी होती है।  

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