करैरा। बगीचा धाम करैरा पर आयोजित नवदुर्गा समिति के छियालीसवे नवदुर्गा महोत्सव के अन्तर्गत रामलीला का मंचन श्री बजरंग आदर्श रामलीला मंडल द्वारा रामलीला मंचन किया गया। समापन दिवस में असत्य पर सत्य की जीत का पर्व मनाया गया, रात में विशेष नजारा दिख रहा था, एक ओर भगवान राम अपनी सेना के साथ खड़े थे तो दूसरी ओर रावण सब कुछ गंवाने के बाद भी बलवान की तरह युद्ध के मैदान में डटे थे। राम बाण चलाए जा रहे थे, लेकिन रावण पर उसका कोई असर नहीं हो रहा था। यह देख राम सहित उनकी पूरी सेना चिंतित हो जाती है..तभी विभीषण आगे बढ़ते हैं और अपने भाई रावण की मृत्यु का भेद बताते हुए विभीषण कहते हैं..रावण की नाभि में अमृत है। नाभि पर तीर से प्रहार करेंगे तभी उनका वध संभव है,उसके बाद राम सीधे रावण की नाभि पर तीर से प्रहार करते हैं और रावण वहीं धराशायी हो जाता है। यह देख नीचे बैठी दर्शकों की भीड़ जय श्रीराम का जयकारा लगाने लगती है। पंडाल जय श्रीराम के जयकारे से गूंज उठता है। दर्शकों में शामिल सभी अपने स्थान से ही भगवान राम को प्रणाम करने लगती हैं, पूरा माहौल भक्तिमय सरोवर में नहाने लगता है। रामलीला के कलाकारों की तारीफ करते हुए नवदुर्गा समिति के अध्यक्ष सुखदेव प्रसाद दुबे ने कहा कि श्री बजरंग आदर्श रामलीला मंडल के सभी कलाकारों ने समर्पण भाव से अपने अपने अभिनय को जीवंत कर दिखाया है सचमुच सभी कलाकार काबिलेतारीफ तारीफ हैं मैं उनकी भूरि भूरि प्रसंशा करता हूँ.।
बरिष्ठ सचिव घनश्याम दास योगी ने सफल आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बगीचा सरकार सचमुच बहुत शक्ति प्रदान करते हैं उनकी छत्रछाया में सब कुछ आसानी से सम्पन्न होता है इस अवसर पर नवदुर्गा समिति के सचिव सतीश श्रीवास्तव ने समिति के पूर्व पदाधिकारियों को याद करते हुए कहा कि निश्चित रूप से बगीचा धाम पर नवदुर्गा समिति के द्वारा जो आयोजन किये जाते हैं उनसे समाज को एक नई दिशा मिलती है साथ ही संस्कृति और संस्कारों की सुरक्षा के साथ सनातन धर्म का प्रसार होता है रामलीला मंचन देखकर समाज में नई पीढ़ी आसानी से अच्छे संस्कार स्वत: ही अंगीकार करने लगती है ।
समिति के स्वागत अध्यक्ष सुरेश बंधु ने कलाकारों के अभिनय की प्रसंशा की।
इस अवसर पर रामलीला मंचन के कलाकारों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर समस्त पदाधिकारियों के साथ रामनिवास गुप्ता, महेश गांधी, शशिभूषण तिवारी, नंदकिशोर सोनी सहित बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।

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