ग्वालियर। भारत विविधताओं से भरा देश है। यहां विभिन्न धर्म, जाति, भाषाएं व बोलियां बोलने वाले एवं विविध वेश-भूषा, खानपान व संस्कृति के लोग रहते हैं। ये हिंदी भाषा ही है जो देश के सभी लोगों को एकता के सूत्र में बांधती है। क्योंकि हिंदी आम जनमानस की आत्मा में जो बसती है। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. केशव पाण्डेय ने यह बात कही।
उन्होंने प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) प्रथम तथा द्वितीय मध्य प्रदेश कार्यालय द्वारा आयोजित हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह में बतौर मुख्यअतिथि के यह बात कही।
समारोह की अध्यक्षता प्रधान महालेखाकार प्रथम रवींद्र पत्तार ने की। जबकि प्रधान महालेखाकार द्वितीय सुश्री गीताली तारे विशिष्ट अतिथि थीं।
मुख्य अतिथि श्री पाण्डेय ने कहा कि देश को एक रखने में हिंदी का बहुत बड़ा योगदान है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था। ऐसे में हिन्दुस्तानियों के लिए हिंदी का खास महत्व है। हिंदी से ही हमारे समाज और देश का निर्माण हुआ है।
उन्होंने कहा कि बेशक हिंदी हमारे देश की राष्ट्रभाषा न सही लेकिन राजभाषा अवश्य है। हिंदी हिंदुस्तान का स्वाभिमान है और आम जनमानस की आत्मा में बसती है। मौजूदा परिवेश में हिंदी एक ऐसी भाषा बन गई है जो दुनिया के अनेक देशों में पढ़ी-लिखी और बोली जाती है। अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में भी इसे स्वीकार किया जाने लगा है।
संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में इसका उल्लेख है। संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा घोषित किया। इसके तहत ही भारत की राजभाषा हिंदी है और लिपि देवनागिरी है। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की सिफारिश के बाद 14 सितंबर 1953 से हिंदी के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए हिंदी दिवस मनाते हैं। जबकि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारत के अलावा फिजी भी एक ऐसा देश है जहां कि आधिकारिक भाषा हिंदी है।
इससे पूर्व में कार्यक्रम संयोजक वरिष्ठ लेखा अधिकारी कौशल किशोर चौधरी ने हिंदी पखवाड़ा कार्यक्र की प्रस्तावना प्रस्तुत की।
अध्यक्षता कर रहे प्रधान महालेखाकार श्री पत्तार एवं सुश्री गीताली तारे ने भी हिंदी की उपयोगिता और दैनिक जीवन में उसके महत्व के साथ ही राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के बढ़ते प्रभाव पर सारगर्भित उद्बोधन दिया। सुश्री सरिता कुमारी गुप्ता एवं सुनील कुमार सोनी ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस दौरान उल्लेखनीय समाज सेवा एवं पत्रकारिता में अनुकरणीय योगदान के लिए मुख्यअतिथि श्री पाण्डेय को सम्मानित किया गया।

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