शिवपुरी। शिवपुरी रेल हेड पर विगत 10 से 12 वर्षों से सीमेंट खाद व गेहूं की रेकों का परिवहन कार्य किया जा रहा है जिसमें विभिन्न जिलों में परिवहन कर्ता द्वारा माल पहुंचाया जाता है। इसे लेकर लोकल ट्रक ऑपरेटर सुरक्षा समिति ने बड़ा खुलासा करते हुए जिला कलेक्टर से परिवहन में जुटे ट्रकों की आकस्मिक चेकिंग कराए जाने की मांग की हैं। कलेक्टर को दिए गए शिकायती आवेदन में लोकल ट्रक ऑपरेटर सुरक्षा समिति ने आरोप लगाते हुए कहा हैं की शिवपुरी रेल हेड से शिवपुरी जिले में जो माल पहुंचाया जाता है वह वह लोकल ट्रक ऑपरेटर कल्याण समिति की गाड़ियों द्वारा पहुंचाया जाता है। जिसमें ठेकेदार संतोष तायल, गुप्ता ट्रांसपोर्ट कंपनी एवं हरज्ञान सिंह प्रजापति और यूनियन अध्यक्ष अब्दुल रफीक अप्पल एवं सचिव विवेक सिंघल के गठजोड़ से ट्रकों में ओवरलोड माल भरवाया जाता है। आरोप हैं की इन ट्रकों में 6 चक्का गाड़ियां जिनकी लोडिंग क्षमता 9 टन है उनमें 18 से 20 टन माल भरा जाता है और 10 चक्का गाड़ी जिसकी लोडिंग क्षमता 19 टन है उसमें 25 से 30 टन माल भरा जाता है जिससे ठेकेदारों को लाखों रुपए का मुनाफा होता है। इतना ही नहीं इनमें कई गाड़ियों के तो दस्तावेजों की वैधता भी समाप्त हो चुकी है और रोड टैक्स भी बकाया है जिससे मध्यप्रदेश शासन के राजस्व को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। बता दें की लोकल ट्रक ऑपरेटर सुरक्षा समिति का गठन भी इसी गड़बड़ी के चलते विरोध में ट्रक मालिकों द्वारा किया गया और नई समिति का गठन किया गया। जिसे लोकल ट्रक ऑपरेटर सुरक्षा समिति के नाम से चलाया जाने लगा। लेकिन गड़बड़ी से रेल हेड परिवहन में अपने पैर जमा चुके उक्त ट्रांसपोर्टरों ने नई समिति वाली गाड़ियों को ठेकेदारों द्वारा काम नहीं दिया जा रहा है जिससे ट्रक मालिकों और ड्राइवरों के 100 परिवार भूखों मरने की कगार पर जा पहुंचे हैं। यही कारण हैं की उन्होंने पूरे मामले की जांच करने कलेक्टर को ज्ञापन दिया हैं। और शासन से अनुरोध किया है की गाड़ी वालों को रोजगार की व्यवस्था करें।
इधर दूसरी यूनियन ने ये कहा
इधर आरोपों को लेकर जब दूसरी यूनियन के अध्यक्ष अब्दुल रफीक अप्पल से बात की गई तो उनका कहना था की उनके ऊपर लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह निराधार हैं। बिना गड़बड़ी के गाडियां संचालित की जाती हैं कोई भी पड़ताल कर सकता हैं। हम मिलकर काम करने में भरोसा करते हैं। जो लोग आरोप लगा रहे हैं। उन्हीं के साथ काम करने वाले साथी आज हमारे साथ हैं। जिन्होंने उन लोगों का साथ गाली गलौज और बर्ताव को लेकर छोड़ा। हमने उन लोगों की शर्तों पर भी काम मिलकर करने का प्रयास किया लेकिन पूरी तरह से अपनी ही बात कोई मनवाएगा तो बात कैसे बनेगी। उनका कहना था की हमने ट्रैफिक प्रभारी को भी पूरी बात का स्पष्टीकरण दिया था। अब मीडिया भी सुलह करवाए तो हम तैयार हैं। इधर ठेकेदार संतोष तायल ने कहा की जो आरोप लगा रहे हैं उनकी वजह से माल ढुलाई में देरी से हमारा बड़ा नुकसान हुआ। जिससे हमको दूसरे प्रबंध जुटाने पड़े। अगर कोई हमारा काम ठीक से करेगा तो हमको किसी से काम करवाने में आपत्ति नहीं हैं। ये उनका आपस का मामला हैं। हमारा कोई लेना देना नहीं।

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