संवत 2079 कार्तिक कृष्णपक्ष रविवार त्रयोदशी तिथि से कार्तिक शुक्लपक्ष शनिवा चतुर्थी - पंचमी तिथि तक। रविवार 23 अक्टूबर : आज त्रयोदशी तिथि शाम 6.30 बजे तक है तथा सूर्यास्त लगभग 5.42 पर है। इस प्रकार प्रदोषकाल में त्रयोदशी तिथि होने से आज ही धनवंतरि जयंती है आज ही प्रदोष व्रत है क्योंकि दोनों दिन त्रयोदशी हो तो कालमाधव के • अनुसार दूसरे दिन ही प्रदोष व्रत होता है। धन तेरस का मुख्य कृत्य यमराज की प्रसन्नता के • लिए निशामुख में दीपदान आज ही करें। आज ही श्री व्रत उत्सव हनुमान जयंती संपन्न करें। विगत शनिवार 22 अक्टूबर को द्वादशी सूर्योदय से 18.3 तक थी इसमें गोवत्स द्वादशी मनाने की शास्त्र आज्ञा है। सोमवार 24 अक्टूबर: चतुर्थी तिथि शाम 5.27 बजे फिर सूर्यास्तु बाद प्रदोष काल में अमावस्या है। दीपावली लक्ष्मीपूजन के लिए सूर्यास्त बाद प्रदोष काल में अमावस्या आज ही है। इसलिए आज नरक चतुर्दशी, रूपचेतुर्दशी से छोटी दिवाली के साथ प्रमुख पर्व लक्ष्मी कुवेर पूजन का दीपावली पर्व संपन्न करें। मंगलवार 25 अक्टूबर अमावस्या तिथि शाम 4.10 बजे तक आज प्रतिपदा शाम को है इसलिए आज कार्तिक कृष्ण अमावस्या ही मान्य है कार्तिक शुक्ल में मान्य अन्नकूट इसलिए आज नहीं मनाया जाएगा। आज खण्ड ग्रस्त सूर्यग्रहण है। ग्वालियर क्षेत्र में ग्रहण आरंभ शाम 4.3 बजे है तथा इसकी समाप्ति 6.28 बजे है पर इसे पूर्व ही सूर्यास्त 5.39 बजे है। सभी धर्मशास्तु अनुसार सूर्य ग्रहण सूतक सूर्यास्त के साथ ही समाप्त हो जाता है। इसमें कोई संशय नहीं है। अतएव मंदिरों के आरती के कार्यक्रम सूर्यास्त बाद संपन्न हो सकते हैं। पर्वकाल भी स्पर्श से सूर्यास्त तक का ही होता है। इसमें मंत्रजप करें मंत्र दीक्षा व गुरुदीक्षा लें। बुधवार 26 अक्टूबर कार्तिक शुक्लपक्ष प्रतिपदा आज अन्नकूट उत्सव । आज पंड़वा तिथि दोपहर 2.42 बजे तक है फिर द्वितीया है। स्कंदपुराण अनुसार अपराह्न (बाद दोपहर) में संपन्न किया जाना चाहिए जो केवल आज बुधवार को ही है इसलिए बुधवार को अन्नकूट व भाई दूज दोनों एक साथ त्यौहार संपन्न करें। गुरुवार 27 अक्टूबरः विश्वकर्मा पूजन कार्तिक शुक्ल द्वितीया को मनाया जाएगा। 28 अक्टूब तिथि दिन 10.34 के बाद चतुर्थी मान्य है । इसलिए आज ही गणेश चतुर्थी व्रत है। शनिवार 29 अक्टूबर जैन मत में ज्ञान पंचमी ।

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