शिवपुरी मध्य प्रदेश। शिवपुरी के माधव राष्ट्रीय उद्यान की देश भर में पहचान है। जल्द ही यहां टाइगर भी आने वाले हैं। जिसे लेकर जिले भर में उत्साह है। इस उत्साह को पीएम नरेंद्र मोदी जी ने कूनो में चीते छोड़कर दो गुना कर दिया है इसकी वजह ये है की कूनो भले ही श्योपुर की सीमा में स्थित है लेकिन शिवपुरी से दूरी मुश्किल से 40 किमी है। इस तरह शिवपुरी वासी बेहद रोमांचित हैं। इसी बीच जब वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह के चलते सीसीएफ़ ने 1500 राशि प्रवेश को निशुल्क करते हुए बच्चों को पर्यटक स्थलों पर प्रवेश की इजाजत दी तो वे माधव नेशनल पार्क के साथ साथ सुरवाया की ऐतिहासिक गढ़ी को घूमने पहुंचे।
रामसर साइट में शामिल सांख्य सागर झील सहित पार्क की जैव विविधता से रूबरू हुआ विद्यार्थियों का दल
इस जैव विविधता से भरे क्षेत्र में शिवपुरी के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल आदर्श नगर के 60 सदस्यीय दल के छात्र-छात्राओं ने विद्यालय स्टाफ के साथ शैक्षिक भ्रमण कर माधव राष्ट्रीय उद्यान और सांख्य सागर झील की जैव विविधता का अध्ययन किया। सबसे पहले उन्होंने माधव नेशनल पार्क के चांदपाठा यानि सांख्य सागर झील को करीब से देखा और जाना कि इसी झील को रामसर साइट में शामिल क्यों किया गया है।
अशोक ठाकुर ने उपलब्ध कराई बस
आदर्श नगर विद्यालय के छात्र-छात्राओं के इस दल को भ्रमण के लिए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष लायन अशोक ठाकुर ने एसोसिएशन की ओर से निशुल्क स्कूल बस उपलब्ध कराई। जिसे एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारियों प्रिंस उपाध्याय, विनोद शर्मा, महिपाल अरोरा आदि ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
सुरवाया की गढ़ी देख बोले, वाओ
छात्र छात्राओं के इस दल ने ऐतिहासिक सुरवाया गढ़ी का भी भ्रमण किया और इन स्थानों की विशेषताओं को अपने यात्रा संस्मरण में स्थान दिया। जब यह दल सुरवाया गढ़ी पहुंचा तो वहां स्थित मठ और अन्य संरचनाओं की निर्माण कला को भी जाना तथा वहां लगे शिलालेख को भी अपने अध्ययन का विषय बनाया।
वन्य प्राणियों के साथ-साथ प्रवासी पक्षी और एलीगेटर, क्रोकोडायल भी दिखाई दिए
माधव राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश के लिए डेढ़ हजार निर्धारित शुल्क को वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह के चलते निशुल्क किया गया। साथ ही स्कूली बच्चों को नजदीक से वन्य जीवों और धरोहरों से रूबरू होने का अवसर दिया उसके प्रति उन्होंने CCF और पार्क प्रबंधन के प्रति आभार प्रकट किया।
हम जो साथ लेकर लोटे उसे कभी भूल नहीं पाएंगे
*स्कूली बच्चों ने अपने यात्रा अनुभव शेयर करते हुए बताया कि भ्रमण की यादगार जानकारी जिसे
हम अपने साथ लेकर लोटे हैं, उसे कभी भूल नहीं पाएंगे।
*माधव राष्ट्रीय उद्यान में जहां उन्हें नीलगाय, चीतल, सांभर, हिरण दिखाई दिए तो वहीं लेपर्ड यानी तेंदुआ देखने की उत्सुकता बाकी रही। जो खुद नजर नहीं आया लेकिन हां उसके पग मार्क जरूर दिखाई दिए। बता दें की जिले में बहुतायत में लेफर्ड मोजूद हैं जो समय समय पर नजर आते रहे हैं।
*उधर झील किनारे का जो दृश्य अवलोकन छात्र-छात्राओं ने किया वहां उन्हें एलीगेटर और क्रोकोडाइल झील किनारे दिखाई दिए।
* संख्या सागर झील में कुछ प्रवासी पक्षी भी इस दौरान डेरा डाल चुके हैं जिन्हें भी इन बच्चों ने भ्रमण के दौरान निहारा। ये पक्षी सात समुंदर पार से हर साल भारत आते हैं।
* सरकारी स्कूल के भ्रमण दल ने माधव राष्ट्रीय उद्यान के चट्टानी एरिया में पाई जाने वाली वनस्पतियों को भी अपने अध्ययन में समाहित किया।
*जॉर्ज कैसल की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को भी बड़े गौर से लिपिबद्ध किया। सारथी स्टाफ ने भी लगाते यादों में गोते
भ्रमण दल के साथ विद्यालय के शैक्षिक स्टाफ में कैलाश भार्गव, भगवत शर्मा, हरी राम मिश्रा, मनोज पुरोहित, श्रीमती ज्योति भार्गव, श्रीमती अर्चना राठौर आदि ने छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया। स्टाफ में ज्यादातर सीनियर और शिवपुरी की पृष्ठभूमि से वाकिफ सदस्य भी साथ थे जिन्होंने खुद यादों में गोते लगाए साथ ही अनुभव और जो कुछ जानकारी उनके पास थी। वह गाइड के अलावा उन्होंने बच्चों को उपलब्ध कराई।

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