करैरा। अपर सत्र न्यायालय प्रथम करैरा जिला शिवपुरी के न्यायाधीश श्री प्रदीप कुशवाह द्वारा दिनांक 29.10:2022 को एसटी क्र० 139/2016 में निर्णय पारित किया गया। उक्त प्रकरण में आरोपी ध्यानेन्द्र रावत को धारा 302 में आजीवन कारावास व 1000 रूपये का अर्थदण्ड तथा धारा 25 (1-बी.) (ए) के अपराध में एक वर्ष का कठोर कारावास तथा 500 रूपये अर्थदण्ड तथा आयुध अधिनियम की धारा 27 के आरोप में तीन वर्ष का कठोर कारावास व 500 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया है व अन्य आरोपी गुलाबसिंह को आयुध अधिनियम की धारा 29 के अपराध में 01 वर्ष की सजा व 500 रूपये अर्थदण्ड से दोषसिद्ध पाकर सजा सुनाई।
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी धनंजय पाण्डेय अपर लोक अभियोजक द्वारा की गई तथा कोर्ट मुँशी संजय तोमर प्र०आ० की अहम भूमिका रही है। घटना का विवरण इस प्रकार है:- फरियादिया वृजबाई रावत ने अपने लड़के नरेन्द्र के साथ थाना आकर जवानी रिपोर्ट की, कि दिनांक 03.03. 2016 को मैं और मेरा लड़का ग्राम करही ओमप्रकाश रावत के यहाँ फलदान में गये थे, दिनांक 03.03.2016 को शाम 03 बजे की बात है, ओमप्रकाश रावत के लड़के का फलदान चढ़ रहा था, तभी आरोपी ध्यानेन्द्र उर्फ सोनू उर्फ दीपेन्द्र रावत ने अपने पिता की लाईसेंसी 12 बोर की बन्दूक से जान से मारने की नियत से फायर किया, गोली फरियादिया के बाजू में लगी, घाव होकर तीन जगह गोली ने लगी तथा आरोपी ध्यानेन्द्र रावत ने दूसरा फायर किया जो सीमाबाई पत्नी अनिल रावत के माथे में लगी, घटना स्थल से आरोपी भाग गया था. मौके पर घटना मेघसिंह रावत, देवेन्द्र रावत निवासी भैंसा ने देखी है। उक्त घटना पर जीरो पर अपराध थाना भितरवार कायम कर विवेचना हेतु करैरा थाने को प्रेषित किया, पुलिस थाना करैरा द्वारा अपराध कर 139/2016 धारा 307 आई०पी०सी० का दर्ज कर विवेचना में लिया गया. घायल अवस्था में सीमा रावत की ईलाज के दौरान मौत हो गई आरोपीगणों के मध्य धारा 302, 307, 34 आई.पी.सी. एवं 25, 27 30एल आर्मस एक्ट के अन्तर्गत विवेचना पूर्ण कर चालान दिनांक 31.05.2016 को न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया। उक्त प्रकरण में अभियोजन द्वारा साक्ष्य कराई गई, सम्पूर्ण प्रक्रिया को अभियोग पत्र के आधार पर आरोपी सोनू उर्फ दीपेन्द्र उर्फ ध्यानेन्द्र रावत को दोषी पाते हुये धारा 302 में आजीवन कारावास मय अर्थदण्ड 1000 रूपये से दण्डित किया तथा एक अन्य आरोपी गुलाबसिंह के विरूद्ध आर्मस एक्ट की धारा 29 के तहत 01 वर्ष की सजा व 500 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

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