अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर जागरूकता सह सम्मान कार्यक्रम आयोजित
शिवपुरी। श्रृष्टि की शुरुआत से महिलाओं का सम्मान किया जाता रहा है। लेकिन युग, काल और सदियां बीतने के साथ महिलाओं के प्रति लोगों की सोच बदलती चली गई। बाल विवाह, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या जैसी समस्याएं अभी भी समाज में व्याप्त है। आए दिन यौन शोषण, दुष्कर्म, गैंगरेप और हत्या की खबरें सामने आती रहती हैं। दुनियाभर में बेटियों के प्रति समाज का दोहरापन दिखता है। लड़कियों को आज भी शिक्षा, पोषण, चिकित्सा, मानवाधिकार और कानूनी अधिकारों से वंचित रखा जाता है। लड़कियों को उनके तमाम अधिकार देने और बालिका सम्मान के प्रति दुनिया को जागरूक करने के उद्देश्य से ही हर साल 11 अक्तूबर कोअंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। ये कहना था रवि गोयल का जो की अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर शक्ति शाली महिला संगठन, महिला बाल विकास, ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन एवम स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आदर्श नगर में जागरूकता सह सम्मान कार्यक्रम में बोल रहे थे प्रोग्राम में मुख्य अतिथि डीपीओ महिला बाल विकास देवेंद्र सुंदरियाल ने कहा की यत्र नार्यस्तु पूज्यते, रमन्ते तत्र देवता" यानी जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है। हर साल 11 अक्टूबर को इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड यह अवसर किशोरियों के महत्व को दर्शाता है और उनके लिए अवसर खोलकर उनकी शक्ति और क्षमता की पहचान करने का प्रयास करता है। इसका उद्देश्य दुनिया भर में किशोर लड़कियों की आवाज़ को उठाना और सशक्त बनाना है। इस दिन के माध्यम से किशोरियों से संबंधित मुद्दों के बारे में बात की जाती है और उन्हें सुलझाने का प्रयास किया जाता है। दुनिया भर में, लड़कियों को बाल विवाह, भेदभाव, हिंसा और सीखने के अवसरों में भेदभाव जैसी लिंग आधारित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह दिन इन सभी मुद्दों को जनता के सामने जागरूक करने का काम करता है। प्रोग्राम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर पवन जैन ने कहा की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बालिका दिवस मुख्य रूप से दुनिया भर में लड़कियों के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करने और उनके मानवाधिकारों को पूरा करने के लिए उन्हें सशक्त बनाने के लिए मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य युवा लड़कियों की सहायता करना है और उनको बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा में समान अवसर और बिना किसी लिंग-आधारित भेदभाव या हिंसा के आगे बढ़ाना है।उन्होंने बालिकाओं से कहा की जो कोई भी स्पर्श आपको असहज लगे उसके लिए अपनी आवाज उठाओ अपने माता पिता को सबसे पहले शेयर करो खामोश मत रहो। उन्होंने बच्चो से नशा न करने के लिए परिवार को समझाने एवम दो पहिया वाहन पर हमेशा हेलमेट के उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए परिवार के लोगो को टोकने की अपील भी की। प्रोग्राम में 8 न्यूट्रीशन चैम्पियन निशा यादव , मुस्कान , सलोनी, नंदनी, प्रीति, भूमि, कविता एवम चंदा यादव जिन्होंने की स्कूल ड्रॉप आउट बालिकाओं को फिर से विद्यालय में प्रवेश दिलाया एवम एनीमिया पर अच्छा काम किया ऐसे बालिकाओं को आतिथियों द्वारा उपहार देकर सम्मानित किया। प्रोग्राम में विधालय परिवार की प्रिंसिपल अनिता खंडेलवाल के साथ समस्त स्टाफ ने एवम शक्ति शाली महिला संगठन की पूरी टीम ने सक्रिय भूमिका निभाई

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