दिल्ली। साल के सबसे बड़े रोशनी के त्योहार दीपावली आ ही गई है। इस बड़े त्योहार की शुरुआत 22 अक्तूबर से होगी और इस बार पांच नहीं बल्कि छह दिन दीपावली सेलिब्रेशन का मौका मिलेगा। सूर्य ग्रहण 25 को होने से इस बार गोवर्धन पूजा 26 को होगी, 25 को शुभ आयोजन नहीं हो सकेंगे लेकिन त्योहार पर फैमली फ्रेंड्स सेलिब्रेशन तो होंगे ही। तो फिर आइए दीपावली सेलिब्रेट करने आज से ही खरीदारी शुरू कर दीजिए। बड़ी दीपावली 24 अक्तूबर को है। दीपावली पर लक्ष्मीजी-गणेशजी की विधि-विधान से पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। दीपावली की तैयारियां बाजार से घर तक शुरू हो चुकी हैं। दीपावली का वर्ष भर लोगों को इंतजार रहता है। धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, यम द्वितीया के पर्व इस दौरान मनाए जाते हैं। धनतेरस 22 को, होगा आगाज
दीपावली का आगाज इस बार धनतेरस 22 अक्टूबर से होने का रहा है। धनतेरस दो दिन 22-23 अक्टूबर को मनाई जा सकेगी। शुभ संयोग यह भी है कि खरीदी के लिए दोनों दिन शुभ हैं। धनतेरस का महत्व यम के निमित्त दीपदान का है। यह शाम को प्रदोषकाल में होता है। तेरस प्रदोषकाल में 22 की शाम को रहेगी। इसलिए दीपदान 22 को ही होगा। हालांकि धन्वंतरि पूजन 23 को किया जा सकेगा। इस दिन चिकित्सक भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं। लोग धनतेरस को नए वर्तन, वस्त्र, वाहन, इलेक्ट्रोनिक उत्पाद भी खरीदते हैं और धन की पूजा भी करते हैं। धनतेरस की पूजा का शुभ समय शाम 7.01 बजे से रात 8.17 बजे तक है।
छोटी दीपावली या कहिए नरक चतुर्दशी
छोटी दीपावली या कहिए नरक चतुर्दशी 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी। नरक से डरने वाले लोगों को चंद्रोदय के समय स्नान करना चाहिए। सुबह तेल मालिश कर स्नान करने से रूप संवरता है। यमलोक के दर्शन नहीं करने पड़ते हैं। नरकासुर की स्मृति में चार दीपक भी जलाने चाहिए। नरक चतुर्दशी 23 अक्टूबर को शाम 6.03 बजे से शुरू होकर 24 अक्टूबर को शाम 5.27 बजे तक रहेगी। काली चौदस पर मां काली की रात्रि में पूजा का भी विधान है।
ये उपाय करेंगे मालामाल
मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए धनतेरस से लक्ष्मी पूजा शुरू हो जाती है और बड़ी दिवाली तक मां लक्ष्मी की पूजा होती है। आज हम आपको मां लक्ष्मी के कुछ ऐसे उपाय बताने वाले हैं जिन्हें अगर आप कर लें तो मां लक्ष्मी पूरे साल आप पर कृपा बनाए रखेंगी।
*घर में जो भी टूटे-फूटे सामान हों और जंग लगी चीजें, बिना मतलब का कचरा छोटी दिवाली को घर से बाहर कर दें। *घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी।
*घर की सफाई हो जाए तो पूरे घर के हर कोने में गंगाजल छिड़क दें, इससे घर की निगेटिविटी दूर होगी और घर में खुशियां आएंगी। घर समृद्धि से भरा रहेगा।
*छोटी दिवाली की पूजा से पहले घर के मेन डोर पर स्वास्तिक बना लें, ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
*मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के द्वार पर रंगोली बनाएं।
दीपावली 24 को
दीपावली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है। कुबेर की पूजा भी की जाती है। कलम व लेखनी की पूजा की जाती है। बही, लॉकर की पूजा होती है। दीपक को देवस्थान, तुलसी, जलाशय, आंगन, सुरक्षित स्थान, गोशाला आदि मंगल स्थानों पर लगाना चाहिए। आतिशबाजी छोड़कर लक्ष्मीजी को प्रसन्न करना चाहिए। धन की देवी का वास वहीं होता है, जहां प्रकाश और स्वच्छता पर जोर दिया जाता है। पूजा का शुभ समय शाम 7.02 बजे से रात 8. 23 बजे तक रहेगा। शाम 5.50 बजे से रात 8.58 बजे तक भी पूजा की जा सकेगी। रात में 11.30 बजे से 1.30 बजे तक भी पूजा की जा सकती है।
अन्नकूट की शुरुआत गोवर्धन पूजा के साथ
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा से अन्नकूट महोत्सव शुरू हो जाता है। गाय, बछड़ों, बैलों की पूजा की जाती है। महिलाएं शुभ मुहूर्त में घर आंगन में गोबर से गोवर्धन बनाकर कृष्ण सहित उनकी पूजा करती हैं। गोवर्धन पूजा 26 को की जाएगी। पूजा सुबह 6.29 से सुबह 8.43 बजे तक की जा सकेगी। शाम को गोवर्धन पूजा 6.10 बजे से रात 8.40 बजे तक की जा सकेगी।
यम द्वितीय, भाई दूज
यम द्वितीय भाई दूज पर सुबह चंद्रमा के दर्शन करने चाहिए। यमुना किनारे रहने वाले लोगों को यमुना स्नान करना चाहिए। यम द्वितीया के दिन यमुना ने यम को अपने घर भोजन करने बुलाया था, इसीलिए इसे यम द्वितीया कहा जाता है। बहन भाई के माथे पर तिलक कर लंबी उम्र की प्रार्थना करती है। शाम को दीपदान करने का भी पुराणों में विधान है। जहां पर लोग उदया तिथि को मानते हैं, वहां पर 27 अक्टूबर को भाई दूज की पूजा कर सकते हैं। शुभ मुहूर्त सुबह 11. 07 बजे से दोपहर 12. 46 तक रहेगा।

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