साल का सबसे बड़ा त्यौहार दीवाली 24 अक्तूबर सोमवार को है। लोगों ने मां लक्ष्मी की पूजा से लेकर रोशनी और आतिशबाजी के इंतजाम पूरे कर लिए हैं। इस बीच यदि दीवाली पर स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजा करें, तो धन-संपदा में वृद्धि होगी।
स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजन का समय
वृश्चिक सुबह 7.51 बजे से 10 .08 तक
धनु सुबह 10.08 बजे से 11.03 बजे तक
अभिजीत सुबह 11.36 से 12.24 बजे तक
कुंभ दोपहर 01.59 बजे से 3.30 दोपहर तक
मीन अपराह्नन 3.30 बजे से 4.14 तक
गोधूलि शाम 04.59 से 5.12 बजे तक
प्रदोष शाम 05.12 से 6.24 बजे तक
वृष शाम 06.36 से 8.33 तक
मिथुन शाम 8.33 से 9.40 रात तक
सिंह रात 01.04 से 03.18 भोर तक
कन्या रात 3.18 से 04.24 भोर तक
चौघड़िया के अनुसार पूजन का शुभ मुहूर्त
शुभ- सुबह 8.56 बजे से 7.26 तक
अमृत- सुबह 5.56 बजे से 7.26 तक
लाभ-दोपहर 2.56 बजे से 4.24 तक
अमृत शाम 4.56 बजे से 5.56 तक
शुभ रात 7.26 बजे शाम से 8.56 तक
लाभ रात 1.26 बजे से 2.56 तक
मां लक्ष्मी खुश ले आएं ये सामग्री
श्रीफल, सीताफल, बेर, अनार, सिंघाड़ा, कमल पुष्प, लाल गुलाब, लाल चंदन, केवड़ा, इत्र, गन्ना, कमल गट्टा, हल्दी मिठाई, चीजें महालक्ष्मी को अर्पित करने के सधन की देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है। ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी इन चीजों से प्रसन्न होकर घर में विराजमान रहती हैं। अर्ध रात्रि में महालक्ष्मी भ्रमण करती हैं। दीपक जलाने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती और उस घर में निवास करती हैं। दीपावली में शाम को शुभ लग्न में श्रीगणेश, लक्ष्मी और कुबेर भगवान का पूजन करें। दीपावली पर दक्षिणावर्तीं शंख, श्री यंत्र, गोमती चक्र, लक्ष्मी कुबेर यंत्र, हल्दी की गांठ, लघु नारियल आदि को भी स्थापित करने से सुख, धन की वृद्धि होती है और महालक्ष्मी की पूजा में रखने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

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