शिवपुरी। पुलिस और प्रशासन की सख्ती के बाद ज्यादातर दोपहिया वाहन सवारों ने हेलमेट लगाना शुरू कर दिया है, लेकिन हैरत की बात है कि वे हेलमेट अपनी जान बचाने के लिए बल्कि चालान से बचने के लिए लगा रहे हैं। यह बात शक्ति शाली महिला संगठन द्वारा बाण गंगा मंदिर के सामने से निकलने वाले दोपहिया वाहन चालकों से बातचीत में सामने आई। तकरीबन 70 परसेंट दो पहिया वाहन चालक हेलमेट पहनकर वाहन चला रहे हैं। इनमें से भी 30 से 40 परसेंट लोग ऐसे हैं जो हेलमेट पहनने के मानकों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ये लोग सुरक्षा के मानकों पर खरा उतरने वाला हेलमेट नहीं पहन रहे हैं। साथ ही हेलमेट की चिन स्ट्रैप को लॉक नहीं करते हैं। इससे दुर्घटना के समय हेलमेट उनके लिए कोई मददगार साबित नहीं हो रहा है। बात चीत में लोगो के मन में डर तो है एवम कहीं न कहीं जागरूकता की कमी मुख्य वजह है लोग चालान बचने को अपना रास्ता तक बदल लेते हैं, एवम हेलमेट को अपने कंधे पर लटकाए रहते है पर सर पर नहीं लगाते पर फिर भी हेलमेट नहीं पहनते हैं। एक बड़ी समस्या ब्रांडेड की जगह लोकल का चलन करना भी देखने मे आया । अधिक जानकारी देते हुए रवि गोयल ने बताया की शहर में करीब 70 परसेंट लोग हेलमेट पहने रहे हैं, लेकिन इनमें 10 परसेंट लोग ही आईएसआई मार्क वाले ब्रांडेड हेलमेट का यूज कर रहे हैं। जबकि 40 फीसदी लोग लोग ब्रांड का हेलमेट यूज कर रहे हैं। वहीं 30 से 40 परसेंट लोग हेलमेट गलत ढंग से लगा रहे हैं, जिससे हादसे के दौरान लोगों को जान गंवानी पड़ती है।
चिन स्ट्रैप के बिना हेलमेट बेकाम
दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिवार्यता उनकी जान की सुरक्षा के लिए निर्धारित की गई है। कभी भी दुर्घटना होने पर दो पहिया वाहन चालक के सिर में चोट लगने का खतरा ही सबसे अधिक रहता है। ऐसे में सिर की चोट ही उसके लिए जानलेवा साबित होती है। हेलमेट पहनने वालों के लिए यह खतरा बहुत कम हो जाता है। हेलमेट पहनने वालों में से भले ही कुछ लोग इसके लिए जागरूक हों लेकिन कुछ लोग अभी भी लापरवाही बरत रहे हैं। सड़कों पर कई लोग ऐसे दिखे जो हेलमेट तो पहने थे पर इसे चालान बचाने भर को। यह लोग हेलमेट की चिन स्ट्रैप को लॉक नहीं किए हुए थे। इससे भले ही हेलमेट इनकी सुरक्षा में काई मददगार न हो, पर यह चालान से बच निकलते हैं। पुलिस भी सिर में हेलमेट देखकर ही इनको नजरअंदाज कर देती है। आज जागरूजता प्रोग्राम में टीम ने बताया।
वाहन चालकों को हेलमेट जरूर पहनना चाहिए, लेकिन इन बातों का रखे ध्यान
-हेलमेट हमेशा बीआईएस स्टैंडर्ड सुरक्षा मानक वाला ही खरीदे और पहनें भी
-हेलमेट सिर के फिक्स साइज का ही खरीदें
-हेलमेट ऐसा हो जो सिर के साथ चेहरे की भी सुरक्षा कर सके
-हेलमेट पहनते ही इसकी की चिन स्ट्रैप जरूर लॉक कर लें
-हेलमेट अगर गिरने से चटक गया हो तो उसे तुंरत बदलें
-हर पांच साल बाद हेलमेट को जरूर बदल लें
क्या कहते हैं जिम्मेदार
हेलमेट खुद की सुरक्षा के लिए है, यह बात सबसे पहले खुद समझनी होगी। किसी भी दुर्घटना में हेलमेट जान बचाने में खासा मददगार होता है, इसी लिए यातायात नियम में इसकी अनिर्वायता सुनिश्चित की गई है। लोग इसे चालान बचाने के लिए नहीं, बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए पहनें। लोगों से अपील है कि वह तय सुरक्षा मानक वाला ही हेलमेट पहनें और इसको पहनने में कोई लापरवाही न बरतें। इससे वह खुद यातायात नियमों का पालन करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
लोगों की सुरक्षा के लिए ही हेलमेट के प्रति जागरूकता अभियान शुरू किया गया। इस अभियान का मकसद दो पहिया वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन कराने के साथ ही उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना भी रहा।

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