शिवपुरी। जिले के पोहरी विधानसभा अंतर्गत बैराड़ तहसील के बहुचर्चित कालामड भूमि घोटाले के बारे में तो आपने सुना ही होगा। इस इलाके में फर्जी पट्टा कांड के माध्यम से जमीन हथियाने के मामले सुर्खियां बने थे और न्यायालय तक गया यह मामला जोरदार ढंग से उछाला था लेकिन इसके अलावा भी उक्त इलाके में कई जगह पर जमीन हथियाने के मामले सामने आते रहे हैं। ताजा मामला पोहरी तहसील के ग्राम बूट बर्वे का है। कभी इस ग्राम के मुखिया रहे बैजू धाकड़ की 230 बीघा भूमि पर ग्राम के लोगों ने कब्जा कर लिया है। बैजू जो अब इस दुनिया में नहींहैं लेकिन उसके दो बेटे 62 वर्षीय लटूरी धाकड़ और 48 वर्षीय वाइस राम धाकड़ इस जमीन पर हक होते हुए भी कब्जा कर लिए जाने के चलते दर दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर
हैं। इन दोनों भाइयों से यह भूमि आधार कार्ड में फर्जी नाम लिखवाकर कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से कब्जाई गई है। एक समय बीमार होने के चलते जब लटूरी अपने छोटे भाई के साथ शिवपुरी आया तो वापिस गांव नहीं जा सका, बस यही भूल उस पर भारी पड़ी और उनकी सैकड़ों बीघा भूमि पर कब्जा कर लिया गया। तभी से एक किसान पुत्र जो अबमजदूरी करके अपना घर चलाता है वह भूमि वापिस पाने दर दर की ठोकरें खाता फिर रहा है। उसकी थोड़ी-बहुत नहीं बल्कि 230 बीघा जमीन उसी ग्राम के ही लोगों द्वारा कब्जा ली गई है।
मंत्री से कलेक्टर तक गुहार, अब महाराज सिंधिया से आस
परेशान लटूरी ने बताया की वह अपनी जमीन वापस पाने के लिए मंत्री सुरेश राठखेड़ा से लेकर कलेक्टर अक्षय सिंह तक से गुहार लगा चुका लेकिन कोई उसकी मदद नहीं करता। कहते हैं कोर्ट में जाओ वहीं से मिलेगा न्याय।
कोर्ट से जीतकर आया 25 बीघा का फैसला, कब्जा तक नहीं दिला रहा जिला प्रशासन
जब लटूरी ने जगह जगह गुहार लगाई और सलाह मिली की कोर्ट जाओ। तो वह 25 बीघा पर कब्जाधारी के विरुद्ध कोर्ट गया। पोहरी से जीता तो अपील हुई फिर वह हाईकोर्ट में जाकर केस जीतकर आया लेकिन जिला प्रशासन कोर्ट के आदेश पर भी उसको आज तक कब्जा नहीं दिला सका। लटूरी कहता है की अब तो हमारी मदद महाराज सिंधिया ही कर सकते हैं।
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