काल भैरव पर पगड़ी चढ़ाने की सिंधिया राजवंश की गौरवशाली परंपरा सिंधिया-मुगलो के युद्ध के समय से ही आज भी जारी है। बाबामहाकाल के सेनापति काल भैरव जी उज्जैन में ग्वालियर से भेजी जाने वाली पगड़ी स्वीकार होती है। इस परंपरा को निभाते हुए मैं गौरवान्वित हूँ।

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