भोपाल। रेल सुरक्षा बल भोपाल मंडल द्वारा मानव तस्करी के विरुद्ध “ऑपरेशन आहट” (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग) नामक अभियान के तहत गत दिवस (दिनांक 24.11.22 को) रेल कोच फैक्ट्री निशातपुरा परिसर में स्थित क्षेत्रीय रेलवे वेल्डिंग संस्थान में मानव तस्करी के विरुद्ध एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में आमंत्रित बचपन बचाओ आंदोलन के एम.पी. स्टेट कोऑर्डिनेटर श्री सलमान मंसूरी एवं प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर मधुमिता सेनगुप्ता द्वारा पॉक्सो एक्ट एवं जे.जे. एक्ट की जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त श्री बी.राम कृष्णा, सहायक सुरक्षा आयुक्त श्री अशोक कुमार , रेल सुरक्षा बल निरीक्षक, उपनिरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक एवं आरक्षक सहित कुल 25 बल सदस्य विभिन्न पोस्टों से उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि यौन शोषण, देहव्यापार, जबरन मजदूरी, जबरन शादी, घरेलू बेगार करवाना, गोद देना, भीख मंगवाना, अंगों का प्रत्यारोपण करवाना, मादक पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान भिजवाने के लिये महिलाओं तथा बच्चों की मानव तस्करी संगठित अपराध है और मानवाधिकार के हनन का सबसे घृणित नमूना है। देश का प्रमुख यातायात तंत्र होने के नाते भारतीय रेल को मानव तस्करी के लिये इस्तेमाल किया जाता है, जिसके जरिये पीड़ितों को उनके मूल स्थान से उठाकर अन्य गंतव्यों तक ले जाया जाता है। कमान और नियंत्रण की एक संगठित अवसंचरना होने के नाते आरपीएफ की पहुंच पूरे देश में है। समय बीतने के साथ-साथ आरपीएफ ने यात्रियों की सुरक्षा सम्बंधी शिकायतों का समाधान करने की कारगर प्रणाली विकसित कर ली है। स्टेशनों और गाड़ियों में अपनी रणनीतिक तैनाती, पूरे देश में अपनी पहुंच और पुलिस की मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयू) तथा अन्य इकाइयों के प्रयासों में तेजी लाने वाली प्रणाली काइस्तेमाल करते हुये, आरपीएफ ने हाल में मानव तस्करी के विरुद्ध “ऑपरेशन आहट” (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग) नामक अभियान शुरू किया। इस पहल के अंग के रूप में आरपीएफ ने हाल में देशभर में 750 एएचटीयू ((एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग) की स्थापना की है, जो पुलिस, थानों में कार्यरत एएचटीयू, जिला और राज्य स्तरों पर, खुफिया इकाइयों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करेंगी तथा रेलगाड़ियों के जरिये होने वाली मानव तस्करी के खिलाफ कारगर कार्रवाई करेंगी।

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