-सहरिया क्रांति ने की प्रशासन से तत्काल कार्यवाही की माँग
शिवपुरी। जिले की पिछोर तहसील के ग्राम गुरजा एवं केमखेड़ा में आदिवासियों की पट्टेशुदा एवं रजिस्ट्रीशुदा सैंकड़ों बीघा जमीन दबंगों द्वारा बंदूकों की दम पर कब्जाने का मामला सामने आया है। दबंगों ने इन आदिवासियों की जमीन को पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से कब्जा लिया और आदिवासियों को जातिसूचक गालियां देते हुए मौके से खदेड़ दिया। पीडि़त आदिवासियों ने सहरिया क्रांति के बैनर तले जिला मुख्यालय पर कलेक्टर एवं एसपी के सामने अपनी पीड़ा बयां की और न्याय की गुहार लगाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम गुरजा के रामकिशन पुत्र चैता जाति सहरिया रकबा 5 बीघा, हल्का पुत्र झींगरू सहरिया, परसादी पुत्र श्यामा जाति सहरिया, अजमेर पुत्र नवल सिंह जाति सहरिया, समालिया, शीला रामश्री पुत्री गण जाति सेहर की रकबा 1.8500 हेक्टैयर, काशी गिर पुत्र मुल्लू गिर निवासी ग्राम गुरूकुदवाया की 1.8100 हेक्टेयर भूमि, अजीता पुत्र सुन्दी आदिवासी की रकबा 1.1600 हेक्टेयर, आशाराम पुत्र कलुआ जाति सेहर की 0.3600 हेक्टेयर भूमि, हरपल्ली पुत्र तेजा आदिवासी निवासी केमखेड़ा की 0.2700 हैेक्टेयर भूमि को राजू चैहान निवासी पडोरा, दानवीर यादव बूढाखेरा, शीलकुमार यादव निवासी तिजारपुर, काकू सरदार निवासी ग्राम सेसई, भवानीशंकर पण्डित निवासी गुरूकुदवाया ने कब्जा लिया और यहां ट्रेक्टर चलवा दिया। जब आदिवासियों ने इस बात का विरोध किया तो दबंगों ने उन्हें बंदूकों की दम पर मौके से खदेड़ लिया और जमीन पर दोबारा वापस आने पर जान से खत्म करने की धमकियां दीं। आदिवासियों ने बताया कि इन दबंगों ने गांव के ही भागीरथ आदिवासी, बाबू आदिवासी, जनवेद आदिवासी, उधम आदिवासी, कैलाश आदिवासी रामसिंह आदिवासी, बुद्धा आदिवासी, कल्याण आदिवासी, धनीराम आदिवासी, रामकिशन आदिवासी, घंसू आदिवासी, रामचरण आदिवासी, रद्दू आदिवासी, जसुआ आदिवासी, बलुआ आदिवासी, अजीता आदिवासी, नत्था आदिवासी, चिन्टू आदिवासी पूरन आदिवासी निरंजन आदिवासी, पप्पू आदिवासी, साबगिर आदिवासी, रामदयाल, बैजनाथ आदिवासी, बैजनाथ आदिवासी की जमीनों पर भी कब्जा कर लिया है।
पीडि़त आदिवासियों ने एसपी कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाते हुए इन दबंगों पर कार्यवाही की माँग की है। इस सम्बन्ध में सहरिया क्रांति के राष्ट्रीय संयोजक संजय बेचैन ने कहा कि गांव गांव में आदिवासियों की जमीनों को लट्ठ और बंदूकों के जोर पर दबंगों द्वारा कब्जाया जा रहा है मगर प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा, उन्होंने कहा कि ग्राम गुरजा एवं केमखेड़ा के आदिवासियों की जमीनों को मुक्त नहीं कराया गया तो सहरिया क्रांति आंदोलन करेगी।
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