शिवपुरी। जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने बुधवार को जारी एक आदेश में खेतों में नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया हैं। जारी आदेश के उल्लंघन पर कारवाई कर जुर्माना लगाया जाएगा।
ये जारी हुआ हैं आदेश
कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, शिवपुरी म.प्र.
क्रमांक/स्टेनो एडीएम / 2022/ 621
शिवपुरी, दिनांक २२ नवंबर 2022
आदेश (अंतर्गत धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता)
खेतों से धान, गेहूं की कटाई के पश्चात् बचने वाले ठूंठ एवं डंठल, जिन्हें सामान्य भाषा में नरवाई कहा जाता है, को खेतों में जलाने से संपूर्ण जिले में प्रदूषण व विभिन्न प्रकार की पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न होती हैं तथा आमजन के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। नरवाई को जलाने से आंखों में खुजली होने, श्वास संबंधी बीमारी, ब्रोन्काइटिस, अस्थमा आदि बीमारियों होने की संभावना प्रबल हो जाती है। उक्त बीमारियों के उपचार में व्यय भार बढ़ने के साथ- साथ मानव एवं पशुओं के कार्य करने की क्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका बनी रहती है। खुले में नरवाई जलाने से होने वाले धुएं के कारण पशु-पक्षी एवं भूमि पर अथवा भूमि के नीचे रहने वाले जीव-जंतु प्रभावित होने के साथ-साथ सड़क पर अदृश्यता की स्थिति निर्मित होने से दुर्घटना का कारण बनती है।मध्यप्रदेश शासन पर्यावरण विभाग, मंत्रालय भोपाल की अधिसूचना क्रमांक एफ 12- 37/2017/18-5 भोपाल दिनांक 15 मई 2017 से राज्य शासन द्वारा वायु प्रदूषण (निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 19(5) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अधिसूचना जारी कर प्रदेश में तत्काल प्रभाव से खेतों से गेहूँ धान की कटाई के पश्चात् बचने वाले ठूंट एवं डंठल (नरवाई) को जलाना प्रतिबंधित किया गया है।
राज्य शासन के उपरोक्त दिशा-निर्देशों के क्रम में, मैं अक्षय कुमार सिंह, कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जिला शिवपुरी दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए आम जन व जीव-जंतुओं के स्वास्थ्य तथा पर्यावरण की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए संपूर्ण जिला शिवपुरी क्षेत्रान्तर्गत धान / गेहूं व अन्य फसलों की कटाई के उपरांत शेष अवशेष ठूंट एवं डंठल (नरवाई) को जलाना तत्काल प्रभाव से प्रतिबन्धित करता हूँ।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशानुसार किसी भी व्यक्ति अथवा संस्था से उपरोक्त निर्देशों का उल्लंघन पाये जाने पर निम्नानुसार पर्यावरणीय नुकसान की भरपाई करनी होगी:-
1. छोटे भूमि मालिक जिनकी भूमि का क्षेत्र 2 एकड़ से कम है, पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 2500/- प्रतिघटना देना होंगे।
2. छोटे भूमि मालिक जिनकी भूमि का क्षेत्र 2 एकड़ से अधिक व 5 एकइसे कम है, को पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 5000/- रुपये प्रति घटना देना होंगे।3. छोटे भूमि मालिक जिनकी भूमि का क्षेत्र 5 एकड़ से अधिक है, को पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में
15000/- रुपये प्रति घटना पर देना होंगे।
उपरोक्तानुसार पर्यावरणीय मुआवजे के साथ-साथ उल्लंघनकर्ता व्यक्ति अथवा संस्था भारतीय दण्ड संहिता 1860 की विभिन्न धाराओं में उल्लिखित प्रावधानों के तहत भी दण्डात्मक कार्यवाही के लिए दायित्वाधीन होंगे। संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी अपने-अपने क्षेत्री मै उक्त आदेश का कढ़ाई से पालन कराया जाना सुनिश्चित करेंगे।यह आदेश आम जनता की सुरक्षा से संबंधित है। चूंकि यह संभव नहीं है कि इस आदेश की पूर्व सूचना प्रत्येक व्यक्ति को व्यक्तिशः दी जावे, इस कारण उक्त आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किया जाकर सार्वजनिक प्रचार-प्रसार के माध्यम समाचार पत्र व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से सर्व साधारण को तामील कराया जा रहा है। उक्तादेश का उल्लंघन करने पर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 तथा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी।
(यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा)
(अक्षय कुमार सिंह)
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, शिवपुरी

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