शिवपुरी। स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतन क्रियान्वयन के लिये यूनिसेफ द्वारा आयोजित शिशु / बच्चे की गृह आधारित देखभाल के प्रशिक्षण में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के समापन सत्र में डॉ पवन जैन मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ संजय ऋषीश्वर जिला टीकाकरण अधिकारी द्वारा प्रतिभागियों से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति व प्रशिक्षण में प्राप्त विकासात्मक तथ्यों की जानकारी ली। डॉ पवन जैन द्वारा सभी को समझाया कि गांव में हमारा निरीक्षण सर्पोटिव नेचर का है जिसमें हमें सभी के साथ मिलकर कार्य करना है इसलिये हमारे विभाग में सर्पोटिव सुपरविजन होता है। जब सर्पोटिव सुपरविजन में लापरवाही होती है तब एडमिनिस्ट्रेटिव सुपरविजन प्रारंभ होता है जिसमें हमें हमारी लापरवाही का दंड मिलना शुरू हो जाता है। हमें सदैव सर्पोटिव सुपरविजन से कार्य पूरा कराना है। बच्चों की गृह आधारित देखभाल के संबध में हमें सभी जानकारी होनी चाहिये जिससे ग्रामीण क्षेत्र में जाकर अच्छा कार्य कर सके। डॉ संजय ऋषीश्वर द्वारा अपने उद्बोधन में कहा सभी आप सभी के लिये बहुत अच्छा अवसर है कि आपको सेवा का मौका मिला है आपकी सेवा से प्रेरित होकर सभी की सदभावनायें आपको व आपके परिवार को आगे बढायेंगी। फील्ड में जब जाते हैं तब अच्छे कार्यो का फीडबैंक जनता स्वयं दे देती है। आप अपने कार्यक्षेत्र में पहुंचकर सेवा भावना के साथ कार्य करें। प्रशिक्षण दिवसों में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एन एच चौहान द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के अनुभव सभी के सामने रखे। आज हमारे पास सभी प्रकार की सामग्री है जिससे बच्चों के शरीर में खतरों की पहचान की जा सकती है। हम अपनी प्रतिदिन की ड्यूटी में सक्रियता पूर्वक कार्य करें। जिससे अच्छे परिणाम हमारे सामने आ सकें और स्वास्थ्य सूचकांक में प्रगति हो। डॉ यादवेन्द्र भदौरिया जिला समन्वयक यूनिसेफ द्वारा एचबीएनसी एचबीवायसी के क्रियाकलाप पर प्रकाश डाला। श्री सतीश सोलंकी वॉश समन्वयक द्वारा स्वच्छता के संबध में सभी को जानकारी दी। श्री शेरसिंह रावत डीसीएम द्वारा एचबीएनसी के महत्व एवं उपयोगिता, सुश्री ज्योत्सना डीन एम एच कॉर्डिनेटर द्वारा हाई रिस्क न्यूर्बार्न, सुश्री नीलम फुलकर नर्सिंग ऑफीसर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के घटक, श्री आमिर खान प्रशिक्षक द्वारा एचबीएनसी सामग्री उसके उपयोग, शिशु को पूरक आहार, श्री संजय जैन प्रशिक्षक द्वारा गृह आधारित देखभाल में आने वाली समस्याओं व उनके निराकरण के संबध में प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण में करैरा, नरवर, कोलारस, पोहरी, सतनवाडा, पिछोर, बदरवास, खनियाधाना से सीएचओ उपस्थित हुये। प्रशिक्षण में सीएचओ द्वारा व्हीएचएनडी दिवस में एएनएम व आशा से टीकाकरण सेवाओं के साथ साथ ग्राम में शिशुओं की देखभाल के लिये किये जाने वाले कार्यो को प्रोटोकॉल अनुसार समझाया। शिशु / बच्चों क देखभाल के लिये तय प्रावधानों के अनुसार उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी है जिससे उनका जीवन सुरक्षित हो सके। सीएचओ को इस प्रशिक्षण में बच्चे के शारीरिक विकास के विलंब को चिन्हांकित करने एवं उसके उपचार के संबध में बताया गया। बच्चों की आवाज, हाव भाव, चलने फिरने, पूरक आहार से उसके स्वास्थ्य की पहचान करना है। संक्रमण से बचाव के लिये जरूरी उपायों को अपनाने के लिये प्रत्येक माता व उसके परिवार को समझाईश देना है। प्रशिक्षण में उपस्थित यूनिसेफ कॉर्डिनेटर एवम् समस्त विकासखंडों से उपस्थित हुये प्रतिभागियों को समापन सत्र में प्रमाण पत्र वितरित किये गये।

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