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धमाका साहित्य कॉर्नर: ज़ाहिद खान ने पूरी की अवार्ड की हैट्रिक, #सातवीं बार #लाडली_मीडिया_अवार्ड मिला

गुरुवार, 3 नवंबर 2022

/ by Vipin Shukla Mama
हैदराबाद। लेखक-पत्रकार ज़ाहिद खान ने इस साल मीडिया और एडवरटाइजिंग जगत के प्रतिष्ठित सम्मान 'लाडली मीडिया अवार्ड' की हैट्रिक पूरी कर ली है। यह लगातार तीसरा साल है, जब उन्हें इस अवार्ड से नवाज़ा गया है। 2 नवम्बर की शाम को देश की हाईटेक सिटी हैदराबाद में स्थित 'मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनीवर्सिटी' के भव्य डीडीई ऑडिटोरियम में ज़ाहिद खान को  'लाडली मीडिया एंड एडवर्टाइजिंग अवॉर्ड फॉर जेंडर सेंसिटिव्हिटी—2022' रीजनल अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें यह अवार्ड सातवीं मर्तबा मिला है। इससे पहले साल 2011-2012, 2013-14, 2018, 2020 और 2021 में उन्हें 'लाडली मीडिया एंड एडवर्टाइजिंग अवॉर्ड फॉर जेंडर सेंसिटिव्हिटी' के रीजनल पुरस्कार और साल 2018 में 'साउथ एशिया लाडली मीडिया एंड एडवर्टाइजिंग अवॉर्ड फॉर जेंडर सेंसिटिव्हिटी' नेशनल अवार्ड से नवाज़ा जा चुका है। सम्मान के तहत उनको प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह दिया गया। 'कंसिस्टेंट राइटिंग जेंडर इश्यू' प्रिंट कैटेगरी (हिंदी) के अंतर्गत उन्हें यह अवार्ड मिला है। पुरस्कार के लिए चयनित होने वाला ज़ाहिद खान का लेख था,'ज़रूरत, महिलाओं को और ज़्यादा मौक़ा देने की है' (समाचार पत्र-'दैनिक हिन्ट', नई दिल्ली)। इस लेख में उन्होंने सेना में स्थायी कमिशन के लिए लंबे अरसे से कानूनी लड़ाई लड़ रही महिला अफ़सरों के मसले को उठाया था। अपने लेख में न सिर्फ़ उन्होंने सेना में महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाले लैंगिक भेदभाव को विस्तार से बतलाया था, बल्कि इस मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फ़ैसले के ज़रिए यह बतलाया था कि शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप के बाद ही महिला अधिकारियों को स्थायी कमिशन मिलने की राह आसान हुई, तो अदालत के एक दीगर फ़ैसले के बाद लड़कों की तरह अब लड़कियां भी एनडीए प्रवेश परीक्षा में बैठ पाएंगी। 12वीं के बाद आर्मड फ़ोर्सेज में जाने का उनका सपना पूरा होगा।
गौरतलब है कि ‘पॉपुलेशन फर्स्ट’ और 'संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष' (यूएनएफपीए) द्वारा संयुक्त रूप से हर साल दिए जाने वाले इस अवार्ड का यह बारहवां संस्करण था। इस आयोजन के मुख्य अतिथि थे सोशल वर्कर पद्मश्री विजेता सुनीता कृष्णन, बिर्टिश डिप्युटी हाई कमिश्नर गेरथ विन ओवेन, शकील अहमद और विशिष्ट अतिथि यूएनएफपीए के भारत में उप प्रतिनिधि श्रीराम हरिदास। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर सैयद ऐनुल हसन ने की। कार्यक्रम में विशेष संगीतमय प्रस्तुति सूफ़ी क़व्वाल नज़ीर अहमद खान वारसी और नसीर अहमद खान वारसी ने दी। प्रोग्राम में सबसे पहले पॉपुलेशन फर्स्ट की निदेशक डॉ.ए.एल.शारदा और श्रीराम हरिदास ने प्रतिभागियों एवं दर्शकों को संबोधित किया। इसके बाद विजेताओं के नाम का एलान किया गया। इस साल लाडली मीडिया अवार्ड के लिए पूरे देश से 900 एंट्री पहुंची थीं। जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, ओड़िया, असमिया, बंगाली, गुजराती समेत 14 भाषाओं के कुल 73 पत्रकारों को इस सम्मान के लिए चुना गया।
गौरतलब है कि 'लाडली मीडिया एंड एडवर्टाइजिंग अवार्ड फॉर जेंडर सेंसिटिव्हिटी' देश के उन मीडियाकर्मियों को दिया जाता है जो कि प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, न्यूज पोर्टल, ब्लॉग, वेबसाईट, रेडियो प्रोग्राम, कम्युनिटी मीडिया, फ़िल्म, किताब, विज्ञापन, डाक्युमेंट्री आदि 23 कैटेगरी यानी मीडिया के किसी भी माध्यम के ज़रिए समाज में लैंगिक संवेदनशीलता का प्रसार एवं लैंगिक समानता, लैंगिक न्याय की बात करते हैं। देश में लैंगिक उत्पीड़न और लैंगिक असमानता के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ पुर—ज़ोर तरीक़े से उठाते हैं।

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