शिवपुरी। माननीय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग, शिवपुरी द्वारा लक्ज़री वाहनों का उत्पादन करने वाली कंपनी BMW बी.एम.डब्लू. ग्रुप, एवं साथी सर्विस एवं डीलर कंपनी इनफिनिटी कार लिमिटेड के विरुद्ध पेश शिकायती आवेदन खारिज कर अस्वीकार किया गया है।दरअसल, शिकायतकर्ता तरुण शिवहरे द्वारा प्र.क्र. CC/94/2022 दोनों कंपनियों के विरुद्ध इस आधार पर शिकायत पेश की थी की, बी.एम.डब्लू. ने शिकायतकर्ता को निर्माणगत दोष युक्त वाहन का विक्रय किया, जिसके बारे में सर्विसिंग कंपनी इनफिनिटी द्वारा भी अगले पाँच वर्षों पर विभिन्न नियमित सुधार प्रक्रिया के अवसरों पर वाहन के दोषयुक्त होने का तथ्य जानबूझ कर छुपाया जाता रहा, एवं वारंटी अवधि के ख़त्म होने पर, अतिरिक्त मुनाफे हेतु, इनफिनिट द्वारा शिकायतकर्ता को खराबी के बारे में अवगत कराया गया। उक्त तथ्यों से परेशान होकर शिकायतकर्ता ने माननीय आयोग के समक्ष शिकायती आवेदन पेश कर रु. 5 लाख की सहायता प्राप्त करने की प्रार्थना की थी।
शिकायती तथ्यों को खारिज करते हुए, बी.एम.डब्लू. के वकील चेतन कानूनगो एवं अंचित जैन, तथा इनफिनिटी के वकील विवेक कु. जैन ने आयोग को अवगत कराया की शिकायती आवेदन, वाहन के 5 वर्षों में 36,000 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के उपरान्त, एवं वारंटी अवधि के ख़त्म हो जाने के उपरान्त पेश किये जाने से स्वतः सिद्ध होता है की वाहन दोषमुक्त रहा है, अन्यथा 5 वर्ष की अवधि दौरान 36,000 की.मी. की यात्रा तय नहीं कर पाता। वाहन में नियमित सुधार करना एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा हैं| इनफिनिटी के द्वारा अवगत कराया गया की शिकायतकर्ता को वारंटी बढ़ाये जाने हेतु सूचित किया गया था, परन्तु कोई जवाब ना देने से अब वारंटी अवधि के ख़त्म होने के उपरान्त अब कोई भी फायदा नहीं दिया जा सकता हैं।
माननीय आयोग ने कंपनियों के तर्कों को उचित पाते हुये, एवं वाहन के निर्मांगत दोष युक्त होने के पक्ष में सिद्ध करने हेतु कोई भी विशेषज्ञ की रिपोर्ट ना पाते हुये, वाहन के विगत प्रदर्शन को ध्यान में रखकर स्वाभाविक एवं नियमित पाया, एवं शिकायती आवेदन खारिज कर अस्वीकार किया।
क़ानूनी सलाह, उभोक्ता के लिए
बी.एम.डब्लू. की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता अंचित जैन का सुझाव है की, तकनिकी उपकरण के दोषयुक्ति का दावा लगाने से पूर्व उपभोक्ता को विशेषज्ञ से सलाह कर रिपोर्ट लेनी चाहिये, तथा इनफिनिटी के अधिवक्ता विवेक कु. जैन की सलाह है की उपभोक्ता सर्विस कराते वक्त अपनी असुविधाओं को जॉब शीट पर दर्ज कराये। यह कदम भविष्य में प्रकरण दर्ज कराने के हालात में सबूत बनकर, महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
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