शिवपुरी। प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान वनों और हरियाली के मायने समझते हैं, शायद इसीलिए हर दिन एक पोधा रोज रोपते हैं। इधर कलेक्टर अक्षय सिंह ने भी अभियान स्तर पर पौधारोपण कर अंकुर अभियान में शिवपुरी को प्रदेश में अब्बल लाया परंतु जिस वन विभाग पर वनों की हिफाजत की जिमेदारी है वह शायद नींद में हैं और दूसरी तरफ वनों की सरेआम कटाई जारी हैं। ताजा मामला कोलारस सहित बदरवास इलाके का हैं जिसमें वन माफिया ने हरे भरे वृक्षों की कटाई से कोहराम मचा डाला है। दिन दहाड़े आधुनिक हैंड आरा मशीनो से जंगल काटने का खेल खुलेआम खेला जा रहा हैं लेकिन वनों के रखवाले मौन साधे हुए हैं। माफिया के हौसले इतने ज्यादा बुलंद हैं की वन विभाग के कुछ साल पहले किए गए प्लांटेशन में खड़े हरे भरे पेड़ों को काटकर फेंक डाला हैं। जबकि ग्रामों के पशुओं के चरने के लिए भूमि पर जंगल काटकर अवैध रूप से खेती की जाने लगी हैं। ये खुलासा ग्रामीणों ने किया हैं। दावों में दम, पकड़ी खैर से भरी ट्रॉली
ग्रामीणों को वनों की फिक्र हैं। वे सजग हैं और उसी के चलते गणेशखेड़ा इलाके से खैर भरकर ले जा रहे ट्रेक्टर को पकड़ा तो ट्रेक्टर चालक ट्रेक्टर स्टार्ट छोड़कर भाग गया।गजब की बात ये हैं की ग्रामीणों को वनों की कटाई दिखाई दे रही हैं लेकिन फॉरेस्ट के पालनहार खामोश तमाशा देख रहे हैं।
हरे भरे पेड़ों की कटाई गवाही दे रहे ठूंठ और कटे पेड़
वनों में किस तरह धड्डले से कटाई जारी हैं इसके जीते जागते प्रमाण जंगल में कटे हुए पेड़ों के ठूंठ और कटे पेड़ दे रहे हैं।
इन इलाकों में सक्रिय वन माफिया
वन परिक्षेत्र गणेशखेड़ा बीट के ग्राम सोनपुरा, लेवा पंचायत के ग्राम मानपुर से लगी हुई वन विभाग की हजारों बीघा वन भूमि पर हरे भरे जीवित पेड़ों को काट डाला गया हैं। ये खेल वन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से नहीं हो सकता ये कहना संभव नहीं लगता। इन जंगलों में पेड़ों को काटकर भूमि को जोतकर अतिक्रमण किया जा चुका है। वर्तमान में मानपुर से लेकर सोनपुरा आदि ग्रामों के आसपास की हजारों बीघा वन भूमि अतिक्रमणकारियों द्वारा वनों को काटकर उस पर अतिक्रमण कर लिया गया है। यह क्रम थमने का नाम भी नहीं ले रहा है वर्तमान में भी वन भूमि पर कब्जा करने का क्रम जारी होते हुये भी वन विभाग के आला अधिकारी मौन बने हुये हैं। हजारों बीघा भूमि पर अतिक्रमण होने के बाद भी अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही अतिक्रमणकारियों के खिलाफ नहीं की जा रही है।
गंभीर आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी आते हैं और हफ्ता वसूली कर ले जाते हैं। अतिक्रमणकारियों को रोकने की जगह वनों को उजड़वाने का कार्य कर रहे हैं। उनकी बात में कितनी दम हैं ये बड़े अधिकारियों को देखना होगी। ग्रामीण तो ये भी बता रहे हैं की वन अधिकारियों के सामने वन भूमि पर कटाई होती हैं और पेड़ काटकर खेती के लिए डीजल पंप चलते हैं। सोनपुरा में वन भूमि की जमीन पर एक दर्जन डीजल इंजन मोटर से खेती की जा रही है आखिरकार इने जप्त क्यों नहीं किया जाता ? जिम्मेदार अधिकारी के सामने चलते हैं ट्रैक्टर उन पर कारवाई नहीं होती।इसी के नतीजे में 10 साल पहले 4 प्लांटेशन करवाए थे जिनको उजाड़कर आज खेती की जा रही है। आखिरकार अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया जाता है।पशुओं के लिए भी भूमि नहीं छोड़ी
एसडीओ तो छोड़िए DFO ने भी नहीं उठाया फोन
जिले में वनों के रखवालों की बात करें तो उपरोक्त गंभीर मामले को लेकर हमने जब एसडीओ को फोन लगाया तो बात नहीं हो सकी। उनका फोन ही नहीं लगा। जबकि DFO ने भी फोन अटेंड नहीं किया। जिससे इस बारे में उनका पक्ष सामने नहीं आ सका हैं।

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