शिवपुरी। मेडिकल कॉलेज में जूनियर और सीनियर रेसीडेंसी डॉक्टरों की विधायक वीरेंद्र रघुवंशी पर केस दर्ज करने को लेकर गुरुवार को हुई हड़ताल की जानकारी मिलने पर भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी मेडिकल कॉलेज जा पहुंचे। वहां उन्होंने डॉक्टरों से माफी मांगते हुए कहा कि उनके साथियों से गलती हुई। हमें माफ करें। लेकिन डॉक्टरों ने विधायक के माफीनामे को अस्वीकार कर दिया और डॉक्टर विधायक पर एफआईआर दर्ज करने की बात पर अड़े हुए हैं। इधर सिटी कोतवाली थाना प्रभारी सुनील खेमरिया ने डॉक्टरों के एक दल को थाने में बयान दर्ज करने को कहा है।
पहले डॉ हरिओम रहे, जब वीडियो देखा तो जूनियर डॉक्टर उतरे मैदान में
इधर भाजपा विधायक के कोरोना काल वाले बयान पर जूनियर डॉक्टरों ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं। जूनियर डॉक्टर गुरुवार सुबह से ही प्रदर्शन कर रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि विधायक का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों पर कोरोना काल में मरीजों को मारने के आरोप लगा रहे हैं। जबकि कोई भी डॉक्टर ऐसा नहीं करता। डॉक्टरों की मांग है कि पहले विधायक वीरेंद्र रघुवंशी अपने इस बयान पर माफी मांगे। जिसके बाद ही वे अपने हड़ताल खत्म कर काम पर लौटेंगे। डॉक्टरॉ का कहना है कि जब तक विधायक रघुवंशी पर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत FIR नहीं हो जाती, तब तक वे काली पट्टी लगाकर ही काम करेंगे।
आरोप प्रत्यारोप, लड़ाई तेज
शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में भाजपा विधायक पर जूनियर डॉक्टर से मारपीट को लेकर डॉक्टर हरिओम का कहना है कि विधायक ने मेरी कॉलर पकड़ी और उनके साथ आए लोगों से पिटवाया। वहीं विधायक ने अपनी सफाई में कहा कि डॉक्टर में मुझे गंवार कहा तो मेरे ड्राइवर में थप्पड़ मारे।
मेडिकल कॉलेज भांजी को देखने गए थे विधायक
कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी मंगलवार रात मेडिकल कॉलेज में भर्ती अपनी भांजी को देखने गए थे। आरोप है कि यहां उन्होंने स्टाफ से बदसलूकी की। मौके पर मौजूद ड्यूटी डॉक्टर ने उनसे ठीक से बात करने को कहा तो विधायक ने डॉक्टर की कॉलर पकड़ ली। डॉक्टर ने विधायक पर उनके साथ आए ड्राइवर और पीए से उसे पिटवाने के आरोप लगाए। मामले को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जूनियर डॉक्टर बोले विधायक ने मुझे गालियां दी
मुख्य किरदार डॉ. हरिओम धाकड़ शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में जूनियर डॉक्टर के पद पर पदस्थ है। उन्होंने बताया- मंगलवार की रात करीब 10.20 बज रहे थे। मैं सर्जरी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात था। इसी दौरान वहां विधायक वीरेंद्र रघुवंशी पहुंचे। उनके साथ पीए और तीन अन्य लोग भी थे। उन्होंने मुझे अपना मोबाइल देते हुए बात करने को कहा। इस पर मैंने उनसे पूछ लिया कि फोन पर कौन हैं? इस पर विधायक ने मुझसे कहा कि तेरा बाप है, तू यहां कंपाउंडर है क्या, जो डॉक्टर वर्मा को नहीं जानता। मैंने विधायक की रिश्तेदार व मरीज सविता रघुवंशी के संबंध में डीन केबी वर्मा को जानकारी दी। यह भी कहा कि मरीज को कंसलटेंट एचओडी स्वयं देख रहे हैं। यह बात विधायक को बुरी लग गई। उन्होंने मुझे गालियां देते हुए कहा-तू मुझे जानता नहीं है।
मारपीट का वीडियो डिलीट करवा दिया
डॉ. धाकड बोले- मैंने विधायक को बताया कि मैं कंपाउंडर नहीं, बल्कि ड्यूटी डॉक्टर हूं। इसी बात पर उन्होंने मेरी कॉलर पकड़ ली। इसके बाद उनके साथ आए पीए और अन्य लोगों से कहा कि डॉक्टर को पीटो। इस पर सभी लोगों ने मुझसे मारपीट की। मैंने इसकी जानकारी डीन डॉ. केबी वर्मा को दी तो उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई के लिए कहा। मैं अपने साथियों के साथ बुधवार रात कोतवाली पहुंचा और विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। डॉक्टर ने कहा कि विधायक ने मुझसे मारपीट का एक मिनट का वीडियो भी डिलीट करा दिया।
विधायक ने कहा, मुझे अपशब्द कहे तो ड्राइवर ने थप्पड़ मारा
कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने कहा कि मेरी भांजी का अपेंडिक्स लीक होने के कारण उसे रात में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। मैं और मेरा ड्राइवर उसे देखने गए थे। मेरे साथ न गनमैन था और न कोई अन्य स्टाफ। डॉक्टर वहां 3 नर्सों के साथ बैठे थे। मैंने उनसे पूछा कि मरीज को क्या दवाएं दे रहे हैं। उन्होंने मुझे बताने से इनकार कर दिया। मैंने अपने मोबाइल से डीन केबी वर्मा को कॉल लगा दिया। मैंने डॉक्टर से कहा कि आप मुझे नहीं बता पा रहे हो तो अपने डीन को बता दो। इस पर उन्होंने डॉ. वर्मा को कहा कि यहां कहां-कहां से गंवार और बदतमीज लोग आ जाते हैं। उसने जब मुझे अपशब्द कहे तो मेरे ड्राइवर ने उसे एक थप्पड़ मार दिया। इस पर मैंने उसे रोका और मामले की शिकायत डीन को करते हुए कार्रवाई करवाने की बात कही।
कोरोना में यहां हुई सैकड़ों लोगों की मौत विधायक वीरेंद्र रघुवंशी का कहना है कि मेडिकल कॉलेज कोरोना काल से ही बदनाम है। मेडिकल कॉलेज में कोरोना काल में सैकड़ों मौत हुई थीं। लोगों का डर आज तक नहीं निकल पाया है। मेडिकल कॉलेज में आज भी उनके पास मरीजों के अटेंडरों के सिर्फ इसी बात के फोन आते हैं कि उनके मरीजों को कैसा ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। मरीज की हालत कैसी है, डॉक्टर-नर्स नहीं बता रहे हैं। जबकि डॉक्टर ओर नर्स को मरीजों के अटेंडर को समय समय पर मरीज के बारे में बताते रहना चाहिए, ऐसा शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज मे नहीं होता।
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