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पटवारी व उसके तीन दलालों को किसान से 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने धर दबोचा

शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। पिछोर तहसील परिसर में एक पटवारी व उसके तीन दलालों को किसान से 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने धर दबोचा। हाई लाइट ये रही की कार्रवाई के दौरान आरोपी पटवारी का एक साथी रिश्वत के नोट लेकर भाग निकला था जिसे आधा घण्टे बाद  पकड़ लिया गया। उक्त मामले में पटवारी और उसके साथियों सहित चार लोगों को आरोपी बनाया गया है।
जानकारी के अनुसार पिछोर तहसील के हल्का नंबर 302 माचमौरस के पटवारी लाखन सिंह बालरे निवासी नई बस्ती पिछोर ने किसान बादामसिंह लोधी से रिश्वत के 10 हजार रुपए लिए और अपने दलाल साथी रामेश्वर लोधी पुत्र हरीराम लोधी निवासी भडोरा थाना मायापुर को दे दिए। रामेश्वर लोधी से रुपए लेकर दूसरे दलाल कप्तान सिंह लोधी ने ले लिए और गिनकर वापस लौटा दिए। इसी दौरान लोकायुक्त टीम की भनक लगी तो रामेश्वर ने तीसरे दलाल साथी जितेंद्र सिंह गौर पुत्र भानुप्रताप सिंह गौर निवासी ग्राम भगवां पोस्ट सेमरी तहसील पिछोर को दस हजार रुपए दे दिए। जितेंद्र गौर रिश्वत के पैसे जेब में रखकर मौके से भाग खड़ा हुआ। लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी लाखन सहित उसके दो दलाल साथी रामेश्वर लोधी व कप्तान लोधी को धर दबोचा। रिश्वत के नोट लेने पर धुलवाए तो हाथ रंग गए, लेकिन नोट लेकर भागे जितेंद्र गौर को लेकर लोकायुक्त टीम परेशान हो गई। करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद जितेंद्र गौर को पकड़कर लाया गया और सारे नोट बरामद कर उसके भी हाथ धुलवाए। इस तरह 10 हजार रु. की रिश्वत में एक-एक करके चार आरोपी बन गए। 
सच निकला भय
बता दें की किसान बादाम सिंह तहसील परिसर में पहुंचा तो करीब एक घंटे तक पटवारी लाखन सिंह ने नोट नहीं लिए। भय के चलते इधर-उधर की बातों में उलझाकर टालता रहा, लेकिन लोकायुक्त टीम पूरी तैयारी के साथ आई थी। एक घंटे बाद जैसे ही पटवारी ने नोट लेकर साथी रामेश्वर को दिए और कप्तान ने गिनकर लौटाए तो टीम दबिश देने आ गई। चार साल से परेशान था किसान
किसान बादामसिंह लोधी का कहना है कि वह बीते चार साल से परेशान था। सिर्फ पिता के नाम पट्टा हुआ लेकिन राजस्व विभाग ने चाचा का नाम गलत तरीके से जोड़ दिया। सारे कागज होते हुए भी पटवारी 40 हजार रुपए रिश्वत मांग रहा था। किसी तरह पटवारी 20 हजार लेने राजी हो गया। जब पैर पकड़कर फिर गुहार लगाई तो 15 हजार रुपए लेने मान गया। शुरुआत में 10 हजार रुपए देने की बातचीत हुई। आखिरकार तीन दिन पहले लोकायुक्त में शिकायत की। लोकायुक्त ने पूरी प्लानिंग के साथ किसान को 10 हजार रुपए के नोट देकर भेजा तो पटवारी पकड़ा गया।

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