डॉ. केशव पाण्डेय
केंद्रीय नागरिक उ्डडयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यात्रियों को दी डिजी यात्रा की सौगात
1903 में शुरू हुआ वायुयान आज 2022 में 109 वर्ष का सफर तक करते हुए नागरिक उडड्यन सेवाओं के क्षेत्र में ऊॅंची उड़ान भर नए कीर्तिमान रच रहा है। दुनिया भर में प्रति वर्ष चार अरब से ज्यादा यात्री हवाई सफर करते हैं। जबकि देश में चार लाख से अधिक लोग रोज हवाई सेवाओं का लाभ लेते हैं। इस वर्ष “वैश्विक विमानन विकास के लिए उन्नत नवाचार” थीम पर अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डन दिनस मनाया जा रहा है। आम हो या खास, अब हवाई सेवा सभी को आ रही है रास। ऐसे में आज सात दिसंबर को इस खास दिन पर दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही हवाई सेवाओं पर डालते हैं एक नजर। मौजूद परिवेश में पूरी दुनिया में विश्व के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए विमानन के महत्व को समझाने और जानने के लिए प्रति वर्ष सात दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस मनाया जाता है। दिवस का उद्देश्य दुनियाभर के विभिन्न देशों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए नागरिक उड्डयन के महत्व के बारे में विश्वव्यापी जागरूकता उत्पन्न करना और उसे सुदृढ़ करने में मदद करना है। मानव जाति की सेवा में वास्तव में वैश्विक रैपिड ट्रांजिट नेटवर्क को सहयोग और महसूस करने में राज्यों की मदद करने में अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) की अनूठी भूमिका है। इस बार अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस की थीम “वैश्विक विमानन विकास के लिए उन्नत नवाचार“ रखी गई है जो 2023 तक रहेगी।
हर पांच साल के बाद अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन, अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस के लिए एक विशेष थीम की स्थापना करता है। 2020 में संगठन ने Advancing Innovation for Global Aviation Development यही थीम तय की थी जिसे 2023 तक रखने का फैसला किया है। भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस 2022 के अवसर पर देशभर में इसी थीम के तहत अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
हम यदि इस दिवस की बात करते हैं तो आप को बता दें कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन की स्थापना की 50 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 1994 में इस दिवस की स्थापना की गई थी। संगठन की स्थापना सात दिसंबर 1944 को हुई थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1996 में इस दिवस की घोषणा की थी। सात दिसंबर को ही अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस मनाए जाने के पीछे साल 1944 में शिकागों में इसी दिन इंटरनेशनल सिविल एविएशन संधि पर हस्ताक्षर होना भी एक प्रमुख वजह है। मॉन्ट्रियल कनाडा में इसका अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय है। अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन परिषद के अध्यक्ष सल्वाटोर सियाचिटानो हैं।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार 120 मिलियन से अधिक लोग रोज हवाई यात्रा करते हैं और हवाई यात्रा उद्योग से लगभग 65.5 मिलियन लोगों को अपनी आजीवीका चलाने में सहयोग मिलता है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस वैश्विक कनेक्टिविटी में सुधार के लिए विमानन के महत्व को भी रेखांकित करता है।
हवाई सेवा के सफर के इतिहास पर नजर डालें तो पाते हैं कि 1903 में ओर्विल राइट और विल्बर राइट ने पहला सफल स्वतः अग्रगामी वायुयान उड़ाया था। 1909 में लूई ब्लेरिओट ने मोनोप्लेन द्वारा इंगलिश चैनेल पार किया। जबकि 1918 में अमेरिकी डाक विभाग ने हवाई डाक सेवा आरम्भ की। जबकि भारत में पहली हवाई सेवा 1911 में इलाहाबाद से नैनी के बीच हुई थी। सर्व प्रथम डाक सेवा के लिए विमान सेवा का परिवहन किया गया था।एक जनवरी 1914 को दुनिया के पहले यात्री विमान ने अमेरिका के फ्लोरिडा में उड़ान भरी थी। 1933 में इंडियन नेशनल एयरवेज की स्थापना हुई। 1935 में टाटा एयरवेज बनी। आजादी से पूर्व ही देश में 21एयर कंपनिया बन चुकी थीं। 1953 में सभी एयर लाइंस कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर उन्हें दो निगमों के अधीन कर दिया गया। पूरी दुनिया में अमेरिका और चीन के बाद आज भारत में सबसे ज्यादा हवाई यात्री हैं। यह देश के विकास के लिए सुखद और सकारात्मक पहलू है। पिछले महीने ही दो हजार 739 उड़ानों में चार लाख नौ हजार 831 यात्रियों ने हवाई यात्रा की। जो कि कोविड के पूर्व स्तर पर पहुंच गई है। संख्या में प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। भारतीय वायु सेवा की दुनिया में अलग ही पहचान है और निरंतर आधुनिक तकनीक के साथ प्रगति कर रही है। सुरक्षा और दक्षता के अनुरूप आईसीएसओ की कसौटी पर खरी उतर रही है।
वायु परिवहन के क्षेत्र में सुरक्षा और दक्षता को बढ़ावा देने के साथ ही इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठनों की भूमिका को लेकर जागरुकता पैदा करने के लिए इस दिवस का खास महत्व है। कारण स्पष्ट है कि इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (ICSO) विमानन सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के विकास के क्षेत्र में काम करती है और यह संयुक्त राष्ट्र संघ का एक हिस्सा है।
इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन कई वैश्विक संगठनों के साथ मिलकर काम करता है। जिसमें विश्व मौसम विज्ञान संगठन, अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ, यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन सहित अन्य संयुक्त राष्ट्र के सदस्य शामिल हैं।
दुनिया में अमेरिका, ब्राजील, अर्जेटीना, कनाडा,रूस और मैक्सिको में सबसे ज्यादा हवाई अड्डे हैं। अकेले अमेरिका में 14 हजार 712 हवाई अड्डे जबकि पूरी दुनिया में 40 हजार से ज्यादा हैं। कभी 19 मिनट की हवाई सेवा और अब 15 हजार किलोमीटर के लिए 17 से 19 घंटे की नॉन स्टॉप यात्रा करा रही हैं।
देश में इस वक्त नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में ऐतिहासिक विकास हो रहा है। क्षेत्रीय संपर्क योजना-उड़े देश का आम आदमी (आरसीएस-उड़ान ) योजना के तहत आमजन को हवाई सेवाओं को लाभ देने के लिए कार्य किया जा रहा है। 2025 तक देश में 250 हवाई अड्डों का लक्ष्य रखा गया है।
पिछले महीने ही केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देश के हवाई यात्रियों के लिए डीजी सेवा की सौगात दी। डिजी सेवा के तहत एफआरटी तकनीक के आधार पर चेहरे की पहचान हो सकेगी। इसके माध्यम से हवाई अड्डों पर यात्रियों को बिना संपर्क किए ही उनकी पूरी प्रक्रिया स्वतंः हो जाएगी। यह आधार आधारित प्रक्रिया रहेंगी, जिसमें यात्री की सेल्फ इमेज को डिजी यात्रा एप पर रजिस्टर करना होगा। इसके बाद बिना किसी कागजात के सीधे हवाई अड्डे पर प्रवेश कर टर्मिनलों पर चेक इन कर सकेंगे।

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