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अतिथि विद्वान वह बंदा है जो हवा पानी से जिंदा है: डॉ राठौर

शनिवार, 17 दिसंबर 2022

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग में काफी लंबे अरसे से कार्य करते आ रहे हैं अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण के संबंध में डॉ रामजी दास राठौर अतिथि विद्वान वाणिज्य विभाग शासकीय श्रीमंत माधवराव सिंधिया महाविद्यालय कोलारस  शिवपुरी द्वारा काली पट्टी बांधकर कर्तव्यों का निर्वहन सत्याग्रह के माध्यम से किया जा रहा है। इस संबंध में डॉ रामजी दास राठौर ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि विद्वानों के साथ पिछले 20-22 वर्षों से लगातार अन्याय किया जा रहा है उन्हें वेतन के  नाम पर नाम मात्र के वेतन से अपने परिवार का पालन पोषण करना पड़ रहा है।
 मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अतिथि विद्वानों को संतुष्ट करने के लिए दो-तीन वर्षों से वेतन में कुछ वृद्धि हुई है लेकिन महंगाई के इस दौर मेंजहां गेंहू 3000रु किवंटल है, वह वेतन परिवार संचालन के लिए पर्याप्त नहीं रहता है जबकि अतिथि विद्वानों द्वारा मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए सभी दायित्वों का निर्वहन पूर्ण ईमानदारी से किया जाता है।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चुनाव के समय चुनावी वादों में अतिथि विद्वानों को संतुष्ट किया जाता है कि आपके लिए नीति बन रही है लेकिन अभी तक कोई ठोस नीति मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत अतिथि विद्वानों के लिए सरकार द्वारा नहीं बनाई गई है। 
अतिथि विद्वानों को सरकार नियमितीकरण के साथ ही समान कार्य समान वेतन जब तक प्रदान नहीं करेगी तब तक डॉ. रामजी दास राठौर द्वारा काली पट्टी बांधकर अपने समस्त कर्तव्यों का निर्वहन सुबह 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक शासकीय श्रीमंत माधवराव सिंधिया महाविद्यालय कोलारस शिवपुरी में किया जाता रहेगा। काली पट्टी का सत्याग्रह एक शांतिपूर्ण सत्याग्रह है। सत्याग्रह से सरकार की जब तक कुंभकरणी  नींद नहीं खुलेगी तब तक काली पट्टी बांधकर कर्तव्य निभाने का सत्याग्रह डॉ रामजी दास राठौर द्वारा लगातार किया जाता रहेगा। मध्यप्रदेश सरकार अतिथि विद्वानों को नियमितीकरण संबंधी उचित कार्यवाही से वंचित रखती है तो यह माना जाएगा कि मध्यप्रदेश शासन की नजर में "अतिथि विद्वान वह बंदा है, जो सिर्फ हवा पानी से जिंदा है"। कार्य करते-करते मध्य प्रदेश सरकार की नीतियों से अभी तक शर्मिंदा है।






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