शिवपुरी। जिले के वरिष्ठ एडवोकेट विजय तिवारी ने मंगलवार को एक बड़ा तीर, प्रमुख सचिव ऊर्जा भोपाल को छोड़ा हैं, जिसमें ग्वालियर संभाग में किसान स्वयं ट्रॉसफार्मर योजना में भारी गड़बड़ी को दुरुस्त कराने पत्र लिखा हैं। सिलसिलेवार तथ्यपरक जानकारी का समावेश पत्र में किया गया हैं जिसकी मौके पर जांच की गई तो कई अधिकारियों की बाट लगना तय हैं। ये लिखा हैं पत्र
माननीय प्रमुख सचिव महोदय, उर्जा एवं नवकरणीय उर्जा विभाग बल्लभ भवन, भोपाल (म.प्र.)
विषय :-- म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं. लि. शिवपुरी के अधिकारियों द्वारा संपूर्ण ग्वालियर संभाग में ओ. वाई.टी. योजना (किसान स्वयं ट्रॉसफार्मर योजना) में कारित करोड़ों रूपये के भ्रष्टाचार के संबंध में।
महोदय,
उपरोक्त विषयांतर्गत लेख है कि, प्रार्थी विगत 30 वर्षों से जिला एवं सत्र न्यायालय शिवपुरी में अधिवक्ता के रूप में कार्यरत होकर वरिष्ठ अधिवक्ता है। प्रार्थी द्वारा निरंतर भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई लड़ी जाती रही है। प्रार्थी द्वारा की गई शिकायतों पर से आर्थिक अपराध ब्यूरो एवं लोकायुक्त संगठन ने कई भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये हैं जो माननीय न्यायालयों में विचाराधीन है। शिवपुरी जिले में विद्युत कंपनी के मैदानी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किसानों के साथ धोखाधड़ी करने एवं विद्युत कंपनी को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंचाने के संबंध में योग्य कृति हेतु यह आवेदन प्रेषित हैं। यह कि प्रविविक लिमिटेड शिवपुरी के मैदानी अधिकारियों द्वारा कंपनी में अपंजीकृत ठेकदारों के साथ भागीदारी कर विदयुत कंपनी को पहुंचाई जा रही करोड़ों रुपये के आर्थिक भ्रष्टाचार एवं किसानों के साथ धोखाधडी कारित की जा रही है। विद्यत कंपनी के ठेकेदारों द्वारा संबंधित किसाने से 2-2 लाख रूपये लेकर बिना कोई वैधानिक अनुमति के किसान ट्रांसफार्मर योजना में बिना कोई आवेदन किये खेतों में अवैध रूप से ट्रासफार्मर स्थापित किये जा रहे हैं। यह कि, म.क्षे.विविक लिमिटेड शिवपुरी के जमीनी अधिकारियों द्वारा अपंजीकृत ठेकेदारों के साथ भागीदार कर स्वयं खड़े होकर किसानों से भरपूर राशि लेने के बाद उनके खेत में अवैध ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा रहे हैं उक्त समस्त ट्रांसफार्मर विद्युत कंपनी के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं है। उल्लेखनीय है कि विद्युत कंपनी द्वारा यह स्पष्ट निर्देश जारी किये है कि श्रीस्टार अथवा फोर स्टार रेटिंग से कम रेटिंग के ट्रांसफार्मर किसी भी दशा मे स्थापित नहीं किये जायेंगे किंतु कंपनी के अधिकारियों द्वारा मिलीभगत कर निम्नगुणवत्ता के ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा रहे हैं। उक्त ट्रांसफार्मर की कोई स्टार रेटिंग नहीं है और ना ही उनके कोई बिल संबंधित ठेकेदार द्वारा प्राप्त किये जाते हैं। इस कारण अकेले शिवपुरी जिले में शासन को जीएसटी के रूप में लाखों रूपये प्रतिमाह की क्षति पहुंच रही है।
यह कि विद्युत कंपनी मुख्यालय के यह स्पष्ट निर्देश है कि स्थापित होने वाले ट्रांसफार्मर में कंडक्टर ओ-5 क्षमता से कम नहीं होना चाहिये किंतुत मैदानी अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों से मिलीभगत कर अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति हेतु उक्त विद्युत कंडक्टर में भी भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है ग्रामीण क्षेत्रों में जहां जहां खेतों पर ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा रहे हैं वहां ओ-2
कडक्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह कि विद्युत कंपनी मुख्यालय के यह स्पष्ट निर्देश है कि समस्त कार्यों में पॉलीमर पिन इन्सुलेटर, पॉलीमर डियो सेट, लाइटिंग अरेस्टर पॉलीमर के ही उपयोग होने चाहिये किंतुअपने निहित आर्थिक स्वार्थों की पूर्ति करने के उद्देश्य से कंपनी के मैदानी अधिकारियों द्वारा उक्त समस्त सामग्री पॉलीमर के स्थान पर चीनी मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है क्योंकि चीनी मिट्टी एवं पॉलीमर के मूल्य में तीन गुना तक अंतर है।
5 यह कि थ्रीस्टार फोर स्टार रेटिंग ट्रांसफार्मर में जहां कंपनी का लाइन लॉसेज 12--15 प्रतिशत होना चाहिये वहां शिवपुरी में कंपनी का लाइन लॉसेज सर्वाधिक बढ़कर 35-40 प्रतिशत तक बढ़ चुका है इस तथ्य की पुष्टि शिवपुरी जिले को प्राप्त होने वाली बिजली की मात्रा एवं उपयोग के अंतर से स्पष्ट रूप से की जा सकती है।
6.यह कि निम्न स्तर के ट्रांसफार्मर के प्रयोग से कंपनी को करोड़ों रूपये की आर्थिक क्षति पहुंच रही है तथा उक्त आर्थिक क्षति के जिम्मेदारी कंपनी के मैदानी अधिकारी हैं। क्योंकि उक्त अधिकारियों द्वारा स्वयं अपंजीकृत ठेकेदारों के माध्यम से स्वयं खड़े होकर उक्त अवैध कार्य संपादित कराये जा रहे हैं और उक्त अवैध कार्यों से विद्युत कंपनी को करोड़ों रूपये की आर्थिक क्षति कारित की जा रही है।
7 यह कि, कई स्थानों पर ठेकेदारों द्वारा संबंधित किसान के खेत पर ट्रांसफार्मर लगाने हेतु विधिवत आवेदन ही विद्युत कंपनी को प्रेषित नहीं किया जाता है बल्कि बिना कोई आवेदन प्रस्तुत किये सीधे ट्रांसफार्मर स्थापित कर विद्युत सप्लाई अवैध रूप से चालू कर दी जाती है इस प्रकार संबंधित किसान द्वारा बिना कोई राशि कंपनी में जमा किये सीधे विद्युत का उपयोग प्रारंभ कर दिया जाता है और उपयोग अवधि की कोई विद्युत राशि भी संबंधित किसान द्वारा कंपनी को प्रदाय नहीं जाती है इस प्रकार विद्युत कंपनी को करोड़ों रूपये की आर्थिक क्षति पहुंच रही है। यह कि, विश्वस्त सूत्रों के अनुसार संपूर्ण शिवपुरी जिले में लगभग 300 से 400 अवैध ट्रांसफार्मर स्थापित कर विद्युत प्रदाय प्रारंभ कर विद्युत कंपनी के मैदानी अमले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा करोड़ों रूपये की आर्थिक क्षति विद्युत वितरण कंपनी को पहुंचाई जा रही है। यह कि, तथाकथित ठेकेदारों द्वारा विद्युत कंपनी के अधिकारियों की मिलीभगत से किये जा रहे अवैध कनैक्शनों में थी स्टार रेटिंग ट्रांसफार्मर का उपयोग ना करने एवं अन्य विद्युत सामग्री कंपनी के मापदण्डों के अनुसार ना लगाने के कारण विद्युत उपकरण जल्दी-जल्दी फुक रहे हैं जिस कारण आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है तथा विद्युत कंपनी को लाखों रूपये का नुकसान उठाना पड़ता है। इस संपूर्ण भ्रष्टाचार में सुपरवाइजर, सहायक यंत्री बड़े पैमाने पर स्वयं ठेकेदार बन अवैध विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित कर लाखों का भ्रष्टाचार कर रहे हैं। मेरे द्वारा ममक्षे वि.वि.कंपनी के महाप्रबंधक महोदय को उक्त संबंध में लिखित में अवगत कराने उपरांत भी उनके द्वारा आज दिनांक तक कोई कार्यवाही ना किये जाने से उक्त भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। यह कि, मेरे द्वारा पूर्व में दिनांक 24.11.2022 को उक्त संबंध में प्रबंध निदेशक महोदय एवं श्रीमान प्रमुख सचिव महोदय को ई-मेल के माध्यम से शिकायत प्रेषित की थी किंतु उन्हा शिकायतों पर कोई सुनवाई ना होने से पुनः विद्युत कंपनी को करोड़ों रूपये के आर्थिक नुकसान से बचाने के उद्देश्य से पुनः यह शिकायत प्रेषित की जा रही है।
अतः निवेदन है कि, शिवपुरी जिले में म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं.लि. के मैदानी अधिकारियों द्वारा कथित ठेकेदारों से भागीदारी कर भ्रष्टाचार कारित कर म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि. को पहुंचाई गई करोड़ों रुपये की आर्थिक क्षति एवं भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने की आज्ञा प्रदान की जावे।
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